Topchanchi : विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा इस बार 26 जनवरी को होगी. गांव-मोहल्लों में माता की मूर्ति स्थापित कर बच्चे-युवा पूरे विधि-विधान से पूजा करेंगे. कारीगरों ने प्रतिमा निर्माण का काम शुरू कर दिया है. कोरोना के चलते पिछले दो साल सामूहिक आयोजन नहीं हो पाए थे. इसलिए सरस्वती पूजा को लेकर इस बार विद्यार्थियों में ज्यादा उत्साह है. वे मूर्तिकारों के पास जाकर मूर्ति की एडवांस बुकिंग करा रहे हैं. उन्हें अपनी पसंद के अनुरूप मूर्ति बनाने की सलाह भी दे रहे हैं. तोपचांची के मूर्तिकार रंजीत धीवर बताते हैं कि वह 500 से लेकर 1000 रुपए तक की मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुटे हुए हैं. कई लोगों मूर्ति की एडवांस बुकिंग भी कर ली है. शैक्षणिक संस्थानों में छोटी मूर्तियां ज्यादा पसंद की जाती हैं. इसलिए ज्यादातर छोटी मूर्तियां ही बना रहे हैं. पिछले दो वर्ष करोना के कारण मूर्तियां कम बिक पाई थीं. इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है. वे इस साल अब तक 60 से अधिक मूर्तियों का निर्माण कर चुके हैं.
300 से 700 रुपए आता है खर्च
रंजीत धीवर ने बताया कि वह जंगल से बांस-बल्ली व मिट्टी लाकर मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं. मूर्ति बनाने में कम से कम दो दिन लग जाते हैं. एक मूर्ति के निर्माण में 300 से 700 रुपए खर्च आता है. वे बताते हैं कि पहले इस धंधे में काफी आमदनी होती थी. लेकिन अब हर गांव में कारीगर मूर्ति बनाने का कार्य कर रहे हैं. इसके चलते लोग शहर की बजाय गांव में ही मूर्ति खरीद लेते हैं. इसके चलते व्यवसाय प्रभावित हुआ है.
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