Katras : कतरास (Katras) कतरास चैतूडीह छाताबाद पांच नंबर में शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा प्रवक्ता उत्तम कृष्ण जी महाराज ने सृष्टि के उत्पन्न होने की कथा सुनाते हुए कहा कि सर्वप्रथम निराकार शिव स्वरुप ने प्रकृति स्वरूपा मां शिवा की गर्भ में अपने तेज का आह्वान किया. इसके प्रभाव से निराकार से साकार स्वरूप शिव प्रकट हुए. उनके और शिव के संयोग से ब्रह्मा और विष्णु की उत्पत्ति हुई. ब्रहमा और विष्णु उत्पन्न होने पर श्रेष्ठता को लेकर विवाद होता है. तब भगवान शिव निराकार स्वरुप में आ गए, जिसे शिवलिंग कहते हैं.
ब्रहमा के पांचवां मुख से झूठ बोला गया तो काल भैरव प्रकट हो कर झूठी गवाही देने के कारण केतकी पुष्प को बहिष्कृत कर देते हैं. सत्यवादी होने के कारण श्री हरि विष्णु को अपनी ही समस्त शक्तियां प्रदान कर देते हैं और सृष्टि को पालन करने का कार्य सौंप देते हैं. इस प्रकार निराकार परम ब्रह्म का स्वरुप शिवलिंग है. आज की कथा में धनबाद जिला परिषद अध्यक्ष ती शारदा सिंह एवं उनके प्रतिनिधि शेखर सिंह को उत्तम कृष्ण शास्त्री ने पुष्प व रुद्राक्ष की माला तथा ओम नमः शिवाय का पट्टा पहनाकर आशीर्वाद दिया. मौके पर कतरास चैतूडीह शिव मंदिर समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे.