Ravi Chourasia
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ( एसएनएमएमसीएच ) इन दिनों दलालों का अड्डा बना हुआ है. अस्पताल परिसर में आधा दर्जन से अधिक निजी जांच घरों के दलाल सक्रिय हैं, जो भोले भाले मरीजों को अपना शिकार बना रहे हैं. दलाल प्रतिदिन एसएनएमएमसीएच परिसर में शिकार ढूंढते फिरते हैं और मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी जांच केंद्र ले जाते हैं, जहां उन्हें प्रति मरीज कमीशन मिलता है. ये दलाल जरूरतमंद मरीजों से मोटी रकम वसूल कर खून भी मुहैया कराने का काम करते हैं.
इतने बड़े अस्पताल में बंद है अल्ट्रासाउंड
एसएनएमएमसीएच में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का दावा तो किया जाता है, मगर पिछले 1 वर्ष से भी अधिक समय से यहां अल्ट्रासाउंड बंद है. कारण रेडियोलॉजिस्ट की कमी. इस 500 बेड वाले अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट तक नहीं है. खामियाजा गर्भवती माताओं को भुगतना पड़ रहा है. जानकारों के मुताबिक अस्पताल में प्रतिदिन 40 से 45 मरीजों की अल्ट्रासोनोग्राफी की जाती थी. रेडियोलॉजिस्ट के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से सरकार को लिखा जा चुका है. लेकिन सरकार चुप लगाए बैठी है.
सस्ती दर पर अल्ट्रासाउंड का झांसा दे फंसाते हैं दलाल

नाम नहीं छापने की शर्त पर एसएनएमएमसीएच में कार्यरत एक कर्मी ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन कुछ दलाल ओपीडी के बाहर चक्कर काटते रहते हैं. मरीज पर्ची लेकर अल्ट्रासाउंड केंद्र पहुचते हैं या वहां से निराश होकर बाहर निकलते हैं तो ये दलाल उन्हें अपने चंगुल में फंसा कर निजी जांच केंद्र पर सस्ती दर में सुविधा दिलाने का झांसा देते हुए ले जाते हैं. दलालों को प्रति मरीज जो भी कमीशन मिलता है, उसका एक हिस्सा अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों तक भी पहुंचता है.
मोटी रकम लेकर हो जाते हैं चंपत
अस्पताल कर्मी ने बताया कि जब अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी होती है तो ये दलाल उन्हें खून मुहैया कराने के नाम पर शिकार बनाते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों एक दलाल पीड़ित मरीज से खून मुहैया कराने के नाम पर 3000 रुपये लेकर चंपत हो गया. इसके मरीज के परिजन घंटों उसे ढूंढते रहे. लेकिन उसका कोई पता नही चला.
शुभम संदेश के कैमरे में कैद हुआ दलाल

शुभम संदेश की टीम ने जब पड़ताल की तो एसएनएमएमसीएच परिसर में कई दलाल सक्रिय दिखे, जो अपने शिकार की तलाश में भटकते नज़र आये. अस्पताल के पीजी ब्लॉक के बाहर घात लगाए एक दलाल मरीज के हाथ से पर्चा लेते हुए कैमरे में कैद हुआ.
क्या कहते हैं जिम्मेवार
एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि अल्ट्रासाउंड पुनः प्रारंभ करने के लिए विभाग को लिखा गया है. उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजनों को भली-भांति जानकारी होती है कि वे जिनके साथ निजी क्लीनिक जा रहे हैं, वे दलाल हैं. अगर उन्हें अधिक पैसे का भुगतान करना पड़ता है, तो इसके लिए जिम्मेदार वे खुद हैं. अस्पताल में लगभग 600 मरीज भर्ती हैं और सभी के परिजनों को समझाना अस्पताल प्रबंधन के लिए नामुमकिन है. हालांकि अबतक एक भी शिकायत नहीं आई है.