Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) लावारिस मरीजों का वारिस साबित हो रहा है. लगभग आठ वर्ष पूर्व एक के बाद एक इलाज कराने पहुंचे कई लावारिस मरीजों ने अब एसएनएमएमसीएच को ही अपना ठिकाना बना लिया है. समय के साथ मरीज आते गए और यहीं के हो कर रह गए. वे किसी भी हालत में अस्पताल से जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. गुजरते समय और लावारिस मरीजों का हाल देखते हुए अस्पताल प्रबंधन व वहां कार्यरत स्टाफने भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है. वह अब उन्हें अस्पताल छोड़ कहीं जाने को नहीं कहते हैं.
एसएनएमएमसीएच में लगभग छः से भी अधिक लावारिस मरीज हैं, जिनमें 4 महिलाएं व 3 पुरूष हैं. इन मरीजों की देखभाल की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण इलाज भी ठीक से नहीं हो पाता और वे ठीक भी नहीं होते हैं. अब ये मरीज एसएनएमएमसीएच के ही होकर रह गए हैं. अपना भरन-पोषण भी अस्पताल के बचे खुचे भोजन से करते आ रहे हैं, तो कुछ मरीज खाने के लिए तरसते नजर आते हैं. तो कुछ मरीज कॉरीडोर से गुजरने वालों से हाथ फैला कर खाना भी मांगते हैं.
अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ की मानें तो अब वे इनका नाम भी भूल गए हैं. शुभम संदेश की टीम ने भी उनसे उनका नाम पता जानने की कोशिश की, लेकिन वे अपना नाम बताने में असमर्थ नज़र आये. शायद अब दिमागी संतुलन भी खो बैठे हैं. वे अब एक ही बात की रट लगाए हैं कि उनका कोई नहीं, अब मरेंगे तभी यहां से जाएंगे.
अस्पताल सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि कई ऐसे लावारिस मरीज हैं, जो पिछले कई वर्षों से अस्पताल में ही अपना गुजर बसर कर रहे हैं. अब ऐसी हालत में इन मरीजो को अस्पताल से भगाना भी ना इंसाफी होगा. इस लिए इन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है.