दो स्तर पर होगी थीसिस की जांच, पीएचडी में आसान नहीं होगा नकल करना
Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) के एकेडमिक काउंसिल ने सम्बद्ध कॉलेज के प्रोफेसर्स को पीएचडी में गाइड बनने की अनुमति दे दी है. नई गाइड लाइन के अनुसार अब संबद्ध कॉलेज के प्रोफेसर्स भी पीएचडी गाइड बन सकेंगे. इसके बाद अब पीएचडी की सीट भी बढ़ेगी. पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के लिए पहले से ज्यादा मौके होंगे. पिछले दिनों एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई.
पीएचडी में दो स्तर पर होगी थीसिस की जांच
बता दें कि बीबीएमकेयू और यूजीसी की संस्था इंफार्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क सेंटर (इनफ्लिबनेट) के साथ एमओयू हुआ है. अब पीएचडी शोधार्थियों के थीसिस की दो स्तर पर जांच होगी. पहले बीबीएमकेयू थीसिस को अपने वेबसाइट पर अपलोड करेगा. यहां अधिकतम 10 प्रतिशत तक नकल या कॉपी-पेस्ट होने पर थीसिस को मान्य होगा. इसके बाद इसे इनफ्लिबनेट के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जहां नकल पेपर की स्थिति में थीसिस को खारिज कर दिए जाएगा. इस समझौते के अनुसार इनफ्लिबनेट बीबीएमकेयू के अंतर्गत प्रस्तुत शोध पत्र के डिजिटल रिकॉर्ड को मेंटेन करेगा.
फिलहाल विवि में मात्र 150 शोधार्थी
बता दें कि बीबीएमकेयू में फिलहाल मात्र 150 शोधार्थी हैं. पीएचडी कोर्स वर्क का रिजल्ट जारी होने के बाद विवि को 230 नए शोधार्थी मिले हैं. संबद्ध कॉलेजों के प्रोफेसर के पीएचडी गाइड बनने के बाद अगले सत्र में यह संख्या 500 तक पहुंचने की संभावना है.