बीसीसीएल को 46.39 करोड़ के नुकसान का मामला
Dhanbad : बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र की कुइया परियोजना में हुए लाखों मिट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआई ने बीसीसीएल के तत्कालीन जीएम विजिलेंस इंचार्ज डीके चंद्राकर की गवाही कराई. हालांकि गवाही पूरी नहीं हो सकी. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तारीख 2 मई निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान बस्ताकोला क्षेत्र के तत्कालीन जीएम आरयू पांडेय अदालत में उपस्थित नहीं थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया था, जबकि तत्कालीन वरीय सर्वे ऑफिसर अरविंद घोष, एरिया सर्वे ऑफिसर सरित सुधा सरकार, केओसीपी के परियोजना पदाधिकारी शंभू दयाल धुर्वा व प्रबंधक किशोर यादव उपस्थित थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने पैरवी की.
यह है मामला : सीबीआई व विजिलेंस की संयुक्त टीम ने कुइया उत्खनन परियोजना में कोयले के स्टॉक की जांच की थी. जांच में वर्ष 2009 से 2011 की अवधि में परियोजना में 4 लाख 24 हजार 689 मिट्रिक टन कोल शॉर्टेज मिला था, जिससे बीसीसीएल को 46 करोड़ 39 लाख 76 हजार 979 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ था. इस ममाले में सीबीआई ने अनुसंधान के बाद 6 मई 2016 को उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी.
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