Dhanbad : धनबाद कोयलांचल में 24 अक्टूबर को दिवाली और काली पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. दीयों व रंग-बिरंगे बिजली बल्बों की लड़ियों-झालरों से हर कोना जगमग रहा. लोगों ने आतिबाजी कर पर्व की खुशियां मनाईं. भव्य पंडालों व मंदिरों में सोमवार की रात मां काली की पूजा पूरे विधि-विधान से हुई. 25 अक्टूबर की सुबह भक्तों के बीच खिचड़ी भोग का वितरण किया गया.
कोरोना की वजह से पिछले दो साल दिवाली व काली पूजा का सामूहिक आयोजन नहीं हो पाया था. इसलिए इस बार पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा. शाम होते ही धनबाद शहर सहित झरिया, सिंदरी, कतरास, केंदुआ समेत पूरा कोयलांचल रोशनी से नहा उठा. लोगों ने अपने घरों, दुकानदारों-व्यवासायियों ने अपने प्रतिष्ठानों को फूलों, दीयों व बिजली के झालरों से सजाया. माता लक्ष्मी के स्वागत में महिलाओं ने घर के गेट व आंगन में खूबसूरत रंगोली बनाई और मां लक्ष्मी व प्रथम देवता भगवान गणेश की पूजा- अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा. दीप जलाने के बाद बच्चों के साथ आतिशबाजी का आनंद लिया. हालांकि इस बार त्योहार पर महंगाई का असर साफ दिखा. पटाखों की बिक्री कम हुई.
स्टील गेट व पार्क मार्केट में धूमधाम से हुई काली पूजा
शहर के स्टील गेट व हीरापुर स्थित पार्क मार्केट के चिल्ड्रन पार्क में कालीपूजा धूमधाम से हुई. पार्क मार्केट के चिल्ड्रन पार्क में राजस्थान के मंदिर की तर्ज पर भव्य पंडाल का निर्माण कर रात में शक्ति की देवी मां काली की पूजा विधि-विधान से हुई. सुबह में भक्तों के बीच खिचड़ी भोग का वितरण किया गया.
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निरसा में मां काली की पूजा के बाद उठाया मेले का लुत्फ
निरसा स्थित काली मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी काली पूजा धूमधाम से हुई. इसमें निरसा समेत दूर-दारज के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. घंटों लाइन में लगकर मां की पूजा-अर्चना की. यहं मेला भी लगा था. पूजा के बाद लागों ने मेले का जमकर लुत्फ उठाया.
झरिया के रक्षा काली मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
झरिया के पोद्दारपाड़ा स्थित रक्षा काली मंदिर में सोमवार की रात भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. लोगों ने मां की पूजा कर प्रसाद ग्रहण किया. मंदिर में रातभर भक्तों की कतार लगी रही. यहां मां काली की पूजा पिछले करीब 200 वर्षों से होती आ रही है. राजा शिवप्रसाद सिंह के पूर्वजों ने 200 साल पहले मां रक्षा काली मंदिर की स्थापना की थी. तब से लगातार पूजा हो रही है.
गोविदंपुर में 32 भुजा वाली मां काली की हुई पूजा
गोविदंपुर के रतनपुरा में 32 भुजा वाली मां काली की पूजा हुई. बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तों ने लाइन में लगकर मां की पूजा की और प्रसाद ग्रहण किया. यहां मंदिर में 28 फीट ऊंची मां काली की विशाल मूर्ति स्थापित है. वहीं, गोविंदपुर से 2 किलोमीटर दूर खुदिया नदी तट स्थित मां वनकाली मंदिर में भी पूरे विधि-विधान से पूजा की गई.
तोपचांची में हेल्पिंग हैंड्स ने बच्चों संग मनाई दिवाली
तोपचांची : तोपचांची में हेल्पिंग हैंड्स फाउंडेशन के सदस्यों न जरूरतमंद बच्चों के साथ दिवाली का त्योहार मनाया. संस्था के पदाधिकारी व सदस्य गरीबों की बस्तियों में पहुंचे और बच्चों के साथ खुशियां बांटीं. बच्चों के साथ पटाखे फोड़े और उन्हें केक, चॉकलेट, बिस्कुट, मिठाई आदि बांटे.
बलियापुर और सिंदरी में कम बिके पटाखे, दुकानदार मायूस
बलियापुर : दीपावली पर बलियापुर और सिंदरी क्षेत्र में इस बार दिवाली पर कम आतिशलीबाजी का नजारा दिखा. पहले की तुलना में कम पटाखे छूटे. महंगाई की वजह से बाजार में पटाखे कम बिके. पटाखा विक्रेता शिवशंकर साव ने बताया कि क्षेत्र के सबसे बड़े पटाखा विक्रेता युसूफ अंसारी ने बताया कि इस बार अपेक्षा से काफी कम पटाखों की बिक्री हुई. नुकसान से बचने के लिए अंतिम समय में कुछ पटाखों को लागत से भी कम कीमत पर बेचना पड़ा. पटाखा व्यवसाई सुशील अग्रवाल ने बताया कि इस बार 40 से 50 हजार रुपए के पटाखे मंगाए थे. किसी तरह लागत निकाल पाए.
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