Dhanbad : झारखंड सरकार द्वारा नियोजन में धनबाद बोकारो में भोजपुरी मगही और अंकिका को शामिल किये जाने के बाद इसका विरोध हर दिन देखने को मिल रहा है. 4 फरवरी शुक्रवार को झारखंड भाषा संघर्ष समिति ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत धनबाद में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. सैकड़ों की तादाद में महिला-पुरुष ढोल नगाड़ों के साथ रणधीर वर्मा चौक पहुंचे और जिले के छह विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह सहित केंद्र के सभी मंत्रियों का शव यात्रा निकाली, दाह संस्कार किया और मुंडन कराया.
समिति के सदस्य गणपत महतो , हीरालाल महतो और संतोष महतो ने राज्य सरकार से भोजपुरी ,मगही अंकिका भाषा को हटाने की मांग की. साथ ही खतियान आधारित नियोजन नीति और 1932 का खतियान राज्य में लागू करने की भी मांग की. प्रदर्शकारियों ने वर्तमान सरकार पर वादा खिलाफी और गैर संवैधानिक तरीके से बाहरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा के रूप में लागू करने का आरोप लगाया. कहा कि यहां के मूलवासियों और युवाओं की हकमारी करने और हमारी संस्कृति को खत्म करने की साजिश है. राज्य स्तर तक आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
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