Nirsa : निरसा (Nirsa) निरसा प्रखंड के मारकोड़ा गांव के नीचे की जमीन भूमिगत खदान चलने के कारण खोखली हो गई है. शनिवार 11 जून को श्यामपुर बी कोलियरी कार्यालय परिसर में ग्रामीणों एवं कोलियरी प्रबंधन के बीच वार्ता हुई. ग्रामीणों का नेतृत्व झामुमो नेता अशोक मंडल कर रहे थे. वार्ता में सहमति बनी कि 15 दिनों के अंदर ईसीएल प्रबंधन मारकोड़ा गांव की जमीन की वैज्ञानिक जांच डीजीएमएस या सिंफर के वैज्ञानिकों से कराएगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएगा. झामुमो नेता अशोक मंडल ने कहा कि प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि 15 दिनों के अंदर वैज्ञानिक तरीके से गांव के नीचे की जमीन की जांच कराई जाएगी. यदि 15 दिनों के अंदर जांच नहीं कराई गई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
मालूम हो कि 26 मई को मारकोड़ा गांव के लखीकांत गोराई अपने घर के समीप पानी के लिए डीप बोरिंग करा रहे थे. 100 फीट डीप बोरिंग होते ही नीचे खदान मिल गई. यह जानकारी होते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई कि उनके गांव के नीचे की जमीन खोखली है. ग्रामीणों का आरोप है कि श्यामपुर बी कोलियरी की भूमिगत खदान पास ही है. गांव के नीचे से कोयला निकाल लिया गया है. इस कारण नीचे की जमीन खोखली हो गई है. गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है. वार्ता में कोलियरी अभिकर्ता कलवल भास्कर, प्रबंधक आरपी मिश्रा, ग्रामीण संतोष गोराई, विजय गोराई, हराधन गोराई, दिनेश गोराई, संजय गोराई आदि शामिल थे.
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