पुलिस की कार्रवाई पर जताया असंतोष, जांच अधिकारी को तत्काल बदलने का निर्देश
Katras : तेतुलमारी थाना क्षेत्र के हनुमानगढ़ी निवासी सेंट जेवियर्स स्कूल की 10 वीं की छात्रा उषा कुमारी (17 वर्ष) की आत्महत्या के मामले की तहकीकात में शनिवार 15 जुलाई को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पहुंचे. आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने घटना के छठे दिन छात्रा की माता एवं अन्य परिवारजनों से जानकारी ली. मृत छात्रा की सहेलियों व स्कूल के प्रभारी प्रबंधक से भी बातचीत की. इसके बाद वहतेतुलमारी थाना पहुंचे, जहां उन्होंने इस मामले में अबतक की कार्रवाई का जायजा लिया.
स्कूल के गैर मान्यता प्राप्त होने पर भी किया सवाल
आयोग के अध्यक्ष ने उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया व पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट दिखे. उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई में कई कमियां नजर आ रही है. पुलिस ने आरोपियों की अभिरक्षा का आवेदन न्यायालय में नहीं लगाया. उन्होंने पीड़ित परिवार को अनुसूचित जाति का का प्रमाण उपलब्ध नहीं कराये जाने पर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस मामले में अनुसूचित जाति निवारण अधिनियम का अनुपालन नहीं किया गया. स्कूल के गैर मान्यता प्राप्त होने के लिए उन्होंने उपायुक्त व ब्लॉक शिक्षा पदाधिकारी को जिम्मेवार ठहराया.
परिजनों को मुआवजा नहीं मिलने पर भी नाराजगी
उन्होंने कहा कि छात्रा की मौत की जांच का जिम्मा ब्लॉक शिक्षा पदाधिकारी एवं बीडीओ को सौंपा गया है, जो संदेहास्पद है. पुलिस की जांच में मौके नक्शा नहीं बनाये जाने पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वह सरकार से जांच अधिकारी तत्काल बदलने की सिफारिश करेंगे. सक्षम पदाधिकारी से मामले की जांच कराई जाए. पुलिस अभिरक्षा की डिमांड की जाए. उन्होंने कहा कि मृतका के परिजनों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए. माता को विधवा पेंशन तत्काल दिया जाए. परिवार को अब तक राशन कार्ड मुहैया नहीं कराने पर नाराजगी व्यक्त की.
अधिकारियों सहित गणमान्य लोग थे मौजूद
मौके पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष काजल यादव, राज्य सदस्य सुनील वर्मा, बाल संरक्षण आयोग के धनबाद अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेहा कश्यप, आनन्द कुमार, बाघमारा बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति, सी ओ के के सिंह, मामले के शिकायत कर्ता शशांक राज एवं कई गणमान्य लोग मौजूद थे.