Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) शहर में गरीबों के नाम पर बनी दुकानों पर अमीरों, दबंगों और बिचौलियों का कब्जा है. यह सबकुछ सरकारी तंत्र की शह पर मुमकीन हो रहा है. इस बात का खुलासा 4 अगस्त को को हुआ, जब नगर निगम की टीम आईआईटी आईएसएम गेट के पास जिला परिषद की दुकानों की जांच करने पहुंची. टीम के सदस्यों ने बताया कि नगर आयुक्त के आदेश पर यह कार्यवाई की जा रही है. यहां जिला परिषद की 100 से अधिक दुकानें हैं. टीम के आने की सूचना पर कई दुकानदार पहले से पहुंचकर दुकान की साफ-सफाई में जुटे थे. दुकान किसके नाम पर है, यह तो वे सही बता रहे थे, लेकिन पिता का नाम गलत बता रहे थे. एनएच 32 एवं मुगल दरबार नामक दो ऐसे रेस्टोरेंट भी मिले, जिन्होंने 6-6 दुकानों पर कब्जा जमा रखा है. पूछने पर संचालक ने बताया कि एक ही व्यक्ति के नाम पर दुकान आवंटित है. जांच में 30 दुकानें बंद मिलीं. कुछ लोगों ने तो रैन बसेरा को भी दुकान में तब्दील कर दिया है. टीम ने बताया कि दुकान के आवंटन में भारी गड़बड़ी होने का अंदेशा है. जांच रिपोर्ट जल्द ही नगर आयुक्त को सौंपी जाएगी.
निगम के ठेकेदार का 10 से 15 दुकानों पर कब्जा
जांच टीम को देखकर स्थानीय लोग काफी खुश थे. कुछ लोग टीम को दुकानों की सच्चाई भी बताते दिखे. लोगों का कहना था कि एक दबंग व्यक्ति जो निगम में ठेकेदारी करता है, उसने कई दुकानों पर कब्जा कर रखा है. ऐसी 10 से 15 दुकान हैं, जिनका वह भाड़ा वसूलने आता है या उसके स्टाफ आते हैं. यहां एक भी फुटपाथ दुकानदार नहीं है, इन दुकानों पर बिचौलियों, ठेकेदार और दबंगों का कब्जा है, जो खुद दुकान नहीं लगाते, सिर्फ भाड़ा वसूलते है. मामले की जांच ठीक से हो, तो सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.
जिनके नाम पर दुकान, वे आज भी लगाते हैँ ठेला
जांच टीम ने बताया कि आईएसएम और रणधीर वर्मा चौक के पास जिला परिषद की 137 दुकानें हैं. जिनके नाम पर ये दुकानें आवंटित थी, वे आज भी सड़क किनारे ठेला लगाते हैं. कुछ भाड़ा वसूलते हैं, तो कुछ ने सबकुछ दबंगों के हवाले कर रखा है. आज जो भी जानकारी मिली है, सब अधूरी है. इससे स्पष्ट होता है कि ये दुकान के असली मालिक नहीं हैं.
निगम को इसलिए करनी पड़ी जांच
जांच टीम का नेतृत्व कर रहे नगर मिशन मैनेजर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि दुकानें जिला परिषद की हैं, लेकिन जिस यरिया में यहे बनी हैं, वह वेंडिंग जोन में आता है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने वेंडिंग जोन का काम निगम को दिया है. दुकानों के संबंध लगातार शिकायतें मिल रही थीं, इसलिये जांच की गई है. वेंडरों के स्थायी प्रबंधन नहीं होने के कारण सड़क पर जाम की समस्या होती है, गंदगी फैलाई जाती है. इसलिए भी जांच जरीरी थी. रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाएगी, जो आदेश आएगा उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी.
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