Jharia : झरिया (Jharia) लचर पेयजल आपूर्ति व्यस्था एवं अन्य कई मांगों को लेकर मंगलवार 31 जनवरी को जोरापोखर थाना क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने फुसबंगला जामाडोबा मुख्य मार्ग के समीप धरना दिया. धरना पर बैठे लोगों ने झमाडा प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों का कहना था कि झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के तहत पर्याप्त जलापूर्ति नहीं करने वाले झमाडा के अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. विशेष जांच टीम का गठन कर भ्रष्ट व अयोग्य कर्मियों व अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए व उन्हें अविलंब हटाया जाए. 5-10 साल पुराना बिल भेजकर उपभोक्ताओं को परेशान करने वाले कर्मियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई की मांग की गई.
पाइप में बोरा-लकड़ी ठूंस कर रहे जलापूर्ति बाधित
पाइप लाइन में साजिश के तहत बोरा-लकड़ी आदि ठूंस कर जलापूर्ति बाधित करने वालों को अविलंब चिह्नित कर दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की गई. झमाडा के पाइप लाइन में लगे वल्व को बाहरी तत्व अपने फायदे के लिए खोलते या बंद करने वाले मामले में झमाडा की ओर से एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की जा रही, इसकी भी जांच की जाए. नदी का जलस्तर घटने, बढ़ने, शैवाल, बिजली का अभाव आदि बहाना बनाकर उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाने की चाल बंद होनी चाहिए.
कोई न कोई बहाना बना कर बंद कर देते हैं पानी
नेतृत्वकर्ता किशोर कुमार ने बताया है कि झमाड़ा के अधिकारी लगातार पानी की सप्लाई बंद रहने का कोई न कोई बहाना बना देते हैं. कभी बिजली नही है, नदी में शैवाल आ गया है, कभी मोटर खराब तो कभी पाइप लाइन फटने का बहाना बनाया जाता है. सामाजिक कार्यकर्ता काजल राय ने कहा कि व्यवस्था बदलने के बाद से ही पानी की समस्या बनी हुई है. उन्होंने मांग की है कि जब पानी की सप्लाई बंद है,तो झमाड़ा को पानी का बिल भी माफ करना चाहिए. धरना-प्रदर्शन में किशोर कुमार, जयंत त्रिवेदी, सुभासिष राय, काजल राय, सुभेन्द्र पांडे,बिनोद कुमार, मुकुटमणि भटाचार्यजी, मुन्ना जायवाल, राकेश सिंह, मंटू शर्मा, अभिषेक कुमार समेत कई स्थानीय लोग शामिल थे.