Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल ( एसएनएमएमसीएच ) के मेस में गंदगी का राज है. किचन के चारों तरफ की गंदगी स्वस्थ व्यक्ति को भी अस्वस्थ बना सकती है. मक्खियां भिनभिना रही हैं और परवाह किये बगैर जमीन पर रख कर ही सब्जी काटी जा रही है. सरकारी अस्पतालों में राज्य सरकार की ओर से मरीजों को प्रतिदिन पौष्टिक आहार देने का निर्देश है. परंतु एसएनएमएमसीएच में इन आदेशों की परवाह किये बगैर खाना परोसा जा रहा है. खतरा इस बात का है कि अस्पताल में भर्ती मरीज इस भोजन का सेवन कर स्वस्थ होने की बजाय और भी ज्यादा बीमार न हो जाएं. एसएनएमएमसीएच के गायनी, ऑर्थो, सर्जरी, नेत्र, शिशु विभाग सहित लगभग 185 मरीजों का खाना मेस में बनता है.
शनिवार 10 दिसंबर को एसएनएमएमसीएच के किचन का जायजा शुभम संदेश की टीम ने लिया. किचन में गंदगी का अंबार लगा था, रोटी बनाने वाले स्टाफ गलब्स पहने बिना नंगे हाथ से आटा गूंधते नज़र आये. किचेन के बेसिन के पास गंदा पानी फैला था. चारो ओर मक्खियां भिनभिना रही थी और लगभग चार कारीगरों की टीम खाना बनाने में जुटी थी. गंदगी के बारे में सवाल पूछे जाने पर स्टाफ ने बताया कि आदमी की कमी के कारण सफाई में परेशानी होती है. हालांकि उनकी तरफ से साफ सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है.
जानकारी के अनुसार एसएनएमएमसीएच में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन 100 रुपए में तीन वक्त का खाना मुहैया कराया जाता है. को सुबह नाश् तामें 200 ग्राम ब्रेड, एक-एक अंडा व केला और 300 एमएल दूध दिया जाता है. दोपहर के खाने में मरीजों को चावल, दाल, सब्जी व हफ्ते में दो दिन सोमवार व शुक्रवार को चिकेन दिया जाता है, रात के भोजन में रोटी, सब्जी और दाल परोसी जाती है.
मरीज बढ़ते हैं तो हो जाती है गंदगी: अधीक्षक
किचेन में फैली गंदगी के सवाल पर एसएनएमएमसीएच के सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि स्टाफ द्वारा प्रतिदिन किचेन की सफाई की जाती है. लेकिन मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रही है. संख्या बढ़ने से थोड़ा प्रेसर ज्यादा हो जाता है, जिस कारण कभी कभी थोड़ी सफाई में कमी हो जाती है. वैसे पूरी कोशिश रहती है कि किचन में साफ सफाई बनी रहे.