राजा महाराजाओं के समय बसाये गए इस बाजार में सुस्त पड़ा कारोबार
JHARIA : शॉपिंग मॉल में प्रत्येक वस्तु का अलग अलग कंपार्टमेंट होता है, उसी तरह झरिया शहर में भी अलग अलग वस्तुओं का बाजार है. कपड़ा पट्टी, बर्तन पट्टी, सब्जी पट्टी, दाल पट्टी की तरह सोने-चांदी के खरीदारी के लिए सोना पट्टी है. झरिया के लाल बाजार स्थित सोना पट्टी का इतिहास काफी पुराना है. कहा जाता है कि राजा महाराजाओं के समय इस सर्राफा बाजार ( सोना पट्टी ) को बसाया गया था. लगभग साठ दुकानों के इस बाजार में कारोबार थोड़ा सुस्त पड़ गया है, मगर अब भी झारखंड में सबसे बड़ी हैसियत रखता है. हर तरह के महंगे आभूषण के अलावा यहां गरीब परिवार के लिए भी गहने मिल जाएंगे. इस बाजार में आभूषण दुकानों की सुरक्षा के लिए झरिया थाना हर दिन कुछ जवान तैनात करने पड़ते हैं. धनतेरस, अक्षय तृतीया जैसे पर्व एवं शादी-विवाह के लग्न के समय बाजार की रौनक देखते ही बनती है. झारखंड के अलावा बिहार व बंगाल के कई शहरों के ग्राहक भी यहां खरीदारी करने आते हैं. हालांकि बाजार में अब पहले जैसी रौनक देखने को नहीं मिलती.
ठगी व अवैध कारोबार के मामले भी आए पकड़ में
केंद्रीय जांच एजेंसियां भी मानती हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर के बाद काली कमाई को खपाया जाने वाला अगर कोई और सेक्टर है तो वह है गोल्ड से जुड़ा व्यापार. टैक्स चोरी, रिश्वतखोरी सहित अन्य चीजें छिपाने के लिए भी गोल्ड का इस्तेमाल होता है. चोरी व लूट के सोने चांदी के जेवरात गलाने का मामला भी सोना पट्टी से सामने आया है. सोना पट्टी में कई बार स्थानीय व दूसरे शहरों की पुलिस ने अवैध रूप से गलाए गए सोने व चांदी के जेवरात बरामद किए हैं. यहां कई दुकानों व मकानों में साठ से ज्यादा प्रमाणित कुशल कारीगर दिन रात सोने चांदी के जेवरात बनाने का काम करते हैं. कई ऐसे कारीगर भी हैं, जो चोरी छिपे शहर के दूसरे क्षेत्रों में जेवरात बनाने का काम कर रहे हैं. ऐसे कारीगरों के लोग प्रतिदिन सुबह से शाम तक मासूम लोगों को फांसने की तलाश में रहते हैं. ग्राहक को कम पैसों में बढ़िया सामान देने का लालच देते हैं. समझा-बुझा कर उनके जेवरात लेने के बाद ओरिजनल की बजाए डुप्लीकेट या सस्ता जेवरात थमा कर निकल जाते हैं. ऐसे कई ठगी के मामले सामने आते रहे हैं.
सुरक्षा में पुलिस सजग व तत्पर : थाना प्रभारी
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झरिया थाना प्रभारी संतोष सिंह ने कहा कि जल्द ही सोना चांदी व अन्य व्यवसाय समितियों से इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी. व्यापारियों व ग्राहकों की सुरक्षा के लिए पुलिस सजग व तत्पर है.
अब कारीगरों की संख्या हो गई कम: रघुवीर अग्रवाल
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झरिया सोना चांदी एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुवीर अग्रवाल ने बताया कि लगभग सत्तर साल पुराने सोनापट्टी बाजार में कुल साठ दुकानें हैं. पहले बिहार व बंगाल से आए कई कारीगर यहां के बाजार में काम करते थे. अब इनकी संख्या काफी कम हो गई है. अभी लगभग साठ से सत्तर कारीगर सोनापट्टी में कार्य कर रहे हैं अधिकतर कारीगर ईमानदार और विश्वासी हैं.
पहले जैसा नहीं रहा सर्राफा बाजार: सत्यनारायण
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झरिया सोना चांदी एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सत्यनारायण भोजगडिया ने बताया कि झरिया से लगातार लोगों का पलायन जारी है. आज पास के कई क्षेत्र कोयला उत्खनन, भू-धसान के करण उजड़ चुके हैं. इसका सीधा असर झरिया के बाजारों पर पड़ा है. आज झारखंड के सबसे बड़े सर्राफा बाजार की चमक धुंधली हो रही है.