Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) बदलते समय के साथ लोगों के रहन सहन, वेश भूषा और अब जायका भी बदल गया है. लोग मछली की जगह चिकन या फिर मटन ज्यादा पसंद कर रहे हैं. लोगों की इस पसंद का सीधा असर मछली के कारोबार पर पड़ा है, जो 25 प्रतिशत मंदा हो गया है. पहले ठंड के मौसम के साथ लोग नॉनवेज में मछली खाना ज्यादा पसंद करते थे. परंतु आज के युवा वर्ग की दिलचस्पी चिकेन में है
शहर के बड़े रेस्टोरेंट में भी मटन और चिकन की दर्जनों वैराइटी उपलब्ध है. हालत यह है कि कुछ घरों के अलावा छोटे-मोटे होटल व ढाबा चलाने वाले ही मछली की खरीदारी करते हैं. नतीजतन धंधा मंदा पड़ रहा है. बिक्री घटने से शहर के छोटे व बड़े व्यापारी भी चिंतित है.
मछली खाना ही भूल गए लोग: उज्ज्वल रुज
मछली वयापारी उज्ज्वल रुज कहते हैं कि ठंड आते ही नॉनवेज में मछली सबसे ऊपर रहती थी. मगर कुछ वर्षों से लोगों का जायका बदल रहा है. लोग अपनी थाली से मछली को हटाते जा रहे हैं, उनका कहना है कि जबसे यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर चम्पारण मीट, मटन हांडी और बड़े रेस्टोरेंट के साथ चौक चौराहे पर लगने वाले ठेले में चिकन की एक से बढ़ कर एक वैरायटी परोसी जा रही है. लोग मछली खाना ही भूल गए हैं.
बच्चों को चिकन व मटन ज्यादा पसंद : गृहिणी मंजू
गृहिणी मंजू देवी का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब घर में चिकन और मटन ज्यादा बनता है. पहले महीने में दो बार मछली बन जाती थी. अब तो दो तीन महीने में एक या दो बार ही बनाती हूं. कारण बच्चों को मछली की अपेक्षा चिकन और मटन ज्यादा पसंद है.
चिकन में मिलती है अधिक वैराइटीज
खाने पीने के शौकीन युवा प्रशांत यादव बताते हैं कि मछली की अपेक्षा चिकन में अधिक वैराइटीज आसानी से मिल जाती है. आज कल के होटलों और रेस्टोरेंट में भी हांडी मटन, चम्पारण मीट और चिकेन के विभिन्न वैराइटीज उपलब्ध हैं. इसलिए अब मछली कम खाते हैं.
यह भी पढ़ें: धनबाद : सरायढेला थाना का सब इंस्पेक्टर छ हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार