Dhanbad : तोपचांची के तत्कालीन थानेदार उमेश कच्छप द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने मामले में दायर शिकायतवाद को 16 सितंबर को अदालत ने खारिज कर दिया है. शिकायतवाद उमेश कच्छप की भाभी नंदी कच्छप ने दायर किया था. धनबाद (Dhanbad) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने नंदी कच्छप के अधिवक्ता कुमार मनीष की दलील सुनने के बाद शिकायतवाद खारिज कर दिया. कोर्ट के फैसले से मामले में आरोपी धनबाद के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, बाघमारा डीएसपी मजरूल होदा, हरिहरपुर थाना प्रभारी संतोष रजक, तोपचांची इंस्पेक्टर डीके मिश्रा को राहत मिल गई है.
18 जून 2016 को लगाई थी फांसी
नंदी कच्छप ने 6 अगस्त 2016 को शिकायतवाद दायर कर आरोप लगाया था कि उमेश कच्छप एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे. 14 जून 2016 को उमेश ने फोन कर उन्हें और अपनी पत्नी को बताया था कि एक फर्जी कांड में फंसाया जा रहा है. मजरूल होदा और संतोष रजक ने एक ट्रक को पकड़ा था और उसके ड्राइवर पर गोली चलाई थी. इस मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है.घटना राजगंज थाना का था जबकि उसे तोपचांची में दिखाया जा रहा है. एसएसपी से मदद मांगने पर उन्होंने भी धमकाया. इन स्थितियों से तंग आकर उमेश कच्छप ने 18 जून 2016 को थाने में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
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