पानी बना परेशानी का सबब, हर चुनाव आश्वासनों का घूंट
सुबह होते ही पानी के लिए लोगों को करनी पड़ती है जद्दोजहद
Ranjit Kumar Singh
Dhanbad : लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, हर चुनाव में झरिया कोयलांचल के लोगों का बस एक ही सवाल होता है पानी. हर बार यहां की हजारों की आबादी को आश्वासन का घूंट मिलता है, तो उम्मीदें जगती हैं कि शायद इस बार उनके प्यासे हलक तर हो जाएंगे. लेकिन हर बार चुनाव खत्म होने के बाद फिर से चुनाव आने तक उनकी प्यास अधूरी रह जाती है. एक बार फिर चुनाव सामने है और मौसम भी गर्मी का है, साथ ही वही पुरानी प्यास की शिद्दत भी कायम है.
एक दर्जन इलाके बिना पानी के झेल रही गर्मी
झरिया प्रखंड के लगभग एक दर्जन से अधिक इलाके के लोग पानी के लिए त्राहिमाम करते आ रहे हैं. इन इलाकों में विक्ट्री, चांदमारी, लिवट्री, इंडस्ट्री, ऐना इस्लामपुर, भगतडीह, बस्ताकोला, भेड़ाकाटा, बंगालीकोठी, मांझी बस्ती लाहेबेड़ा, सोनार बस्ती सहित कई बस्तियां हैं. ये सारे इलाके वार्ड 34 और 35 के अंतर्गत आते हैं. इन इलाकों की आबादी 50 हजार से अधिक है. प्रधानमंत्री जलापूर्ति योजना के तहत मुख्य मार्ग में पाइप तो बिछ गया, लेकिन पाइपलाइन में पानी नहीं आया है. यहां तक कि इस पाइपलाइन का कनेक्शन बहुत सारी बस्तियों में अभी भी नहीं हुआ है. भगतडीह स्थित माडा जलागार से पाइपलाइन के जरिए इन इलाकों में जलापूर्ति होती है.
कनेक्शन बढ़ने से नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी
क्षेत्र के पूर्व सरपंच भोलानाथ गोस्वामी समेत अन्य लोगों का कहना है कि भगतडीह स्थित माडा जलागार से इन क्षेत्र में 1948 में 6 इंच की पाइपलाइन बिछी थी. तब जगह-जगह 150 कनेक्शन प्वाइंट बनाए गए थे. इस कारण लोगों को पानी ठीक-ठाक मिल जाता था. लेकिन आबादी बढ़ने के साथ धीरे-धीरे पाइपलाइन में अब हजारों कनेक्शन हो गए हैं. इस कारण पानी का प्रेशर बहुत ही कम हो गया है. हालत यह है कि लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है.
वर्ना ठेले वाले से खरीदना पड़ता है पानी
इन इलाकों में जो भी कनेक्शन हैं, उनमें दो से तीन दिन के बाद एक से दो घंटे के लिए पानी की आपूर्ति होती है. फिर पानी के लिए लोगों को आपाधापी करनी पड़ती है. काफी मशक्कत के बाद पीने का 30 से 40 लीटर मिल गया तो ठीक है, वरना ठेले वाले से पानी खरीद कर पीना पड़ता है. अन्य कामों के लिए पोखरिया का पानी गैलेन से व्यवस्था करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि बस्ताकोला पोखरिया में कई लोगों को डूबने से मौत हो चुकी है. इस कारण वहां लोग नहाने से भी परहेज करने लगे हैं.
डेढ़ किमी दूर जाकर पानी का जुगाड़
1992 में बीसीसीएल ने विक्ट्री खदान से बस्ताकोला मे पीटवाटर सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई थी, वह भी क्षतिग्रस्त हो गई है. वार्ड 34 के चांदमारी और वार्ड 35 के इंडस्ट्री भुईयां बस्ती में पीने के पानी का कनेक्शन नहीं है. एक कुआं तक नहीं है. इनलोगों को दूसरे जगह भटक कर पानी जुगाड़ करना पड़ता है. चांदमारी के लोग झरिया-धनबाद मुख्य मार्ग स्थित धनसार पानी टंकी से डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर पानी का जुगाड़ करते हैं. लगभग यही हाल इंडस्ट्री भुईयां बस्ती का भी है.
पानी से चल रही आजीविका : विशुन साव
विशुन साव ने बताया कि सप्लाई पाइप के फटने से ही उनकी रोजी-रोटी चल रही है. क्योंकि यहां से पानी भर कर वे और उनके जैसे करीब दो दर्जन ठेले वाले अपने परिवार की जीविका चला रहे हैं. एक ठेले की कीमत 100 से 300 रुपये तक लेते हैं. वे लोग घरों के साथ-साथ आसपास के होटल वालों को भी यहां से पानी की सप्लाई करते हैं. हालांकि अब पहले की तरह प्रेशर नहीं होने के कारण यहां से पानी कम मिलने लगा है. इसके साथ ही जो लोग घरों के लिए पानी भरते हैं, पहले उन्हें पानी देना पड़ता है.