Rajganj : पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजगंज में भाषा विरोध के तहत रैली और मुख्यमंत्री का पुतला दहन का आदिवादियों ने विरोध किया और जमकर हंगामा किया. एक दूसरे के बीच जमकर मारपीट हुई. सांसद प्रतिनिधि गिरधारी महतो के नेतृत्व में भाषा विरोध का कार्यक्रम तय था, जिसमें संतोष महतो, प्रमोद चौरसिया, महेंद्र महतो, सहित दर्जनों नेता शामिल हुए. स्कूल से रैली निकाली ही थी, तभी आदिवासियों ने विरोध शुरू कर दिया.
जिसने दी रोजी-रोटी, उसका विरोध बर्दाश्त नहीं
रैली को बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की गई. मामला धीरे धीरे उग्र हो गया. आदिवासी महिलाओं का कहना था कि जो हमारा जमीन को बचाया, चावल दिया, रोजी दी, उसका कैसे विरोध करेंगे. गुरु जी का अपमान नहीं कर सकते. हमलोगों को यह जानकारी नहीं दी गई. आरोप में कहा कि साड़ी, धोती एवं कंबल का प्रलोभन देकर हाई स्कूल बुलाया गया था. बवाल के बाद पुतला दहन नहीं हो सका.
महिलाओं का उग्र रूप देख युवकों को भगाया
भाषा विरोध के समर्थक हाई स्कूल पहुंचे. खबर पाकर आदिवासी महिलाएं भी पहुंची और हेमंत का विरोध कर रहे युवाओं के विरुद्ध उग्र हो गई. स्थिति बिगड़ती देख युवाओं को वहां से हटा दिया गया. जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस पहुंची और स्थिति नियंत्रण करने में जुट गई. कार्यक्रम में आदिवासी महिलाओं को बुलाया गया था. परंतु हेमंत सोरेन के पुतला दहन की जानकारी नहीं दी गई थी. जब समुदाय के लोगों को पता चला तो विरोध शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री का पुतला नष्ट कर दिया.
जुलूस समर्थक और विरोधी मिहलाओं के बीच झड़प
इसके बाद मामला उग्र होने लगा. एक तरफ हेमंत हाय हाय का नारा लगना शुरू हो गया, तो दूसरी तरफ आदिवासी समुदाय के लोगों ने हेमंत सोरेन जिंदाबाद के नारे लगाए. आदिवासी महिलाओं ने बैनर, पोस्टर फाड़ दिये एवं समर्थक एवं विरोध में उतरी महिलाओं से आपस में झड़प हो गई. मारपीट होने लगी, जिस कारण जीटी रोड घंटों बाधित रहा. घटना के पूर्व कई गांवों के लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए हाई स्कूल के मैदान पहुंचे थे. भीड़ करीब हजारों में थी.
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