Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है. स्वास्थ्य विभाग संक्रमण से निपटने की तैयारी में जुटा हुआ है. अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इधर सदर अस्पताल में बंद पडी दो दर्जन से अधिक वेंटिलेटर मशीन पर किसी नज़र नहीं है. दो वर्ष पहले कोरोना काल में प्रधानमंत्री केयर फंड से सदर अस्पताल को लगभग 2 दर्जन वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे. कोरोना की लहर घटी तो वेंटिलेटर भी एक कमरे में सिमट कर रह गए. दो वर्ष से इन वेंटिलेटर की मरम्मत के लिए टेक्नीशियन नहीं मिला. हालत यह है कि एक भी वेंटिलेटर मरीजों के काम नहीं आया. हालांकि कुछ समय के लिए एनआरएचएम के दो टेक्नीशियन ने मशीनों को ऑपरेट किया था.
वेंटिलेटर की सबसे अधिक जरूरत कोरोना की दूसरी लहर में पड़ी थी. अब एक बार फिर जब कोरोना ने दस्तक दे दी है तो स्वास्थ विभाग बंद पड़े वेंटिलेटर मशीनों को चालू करने की दिशा में कोई पहल नही कर रहा है. वेंटिलेटर व आईसीयू की सेवा के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. गरीब आदमी को भारी खर्च उठाना पड़ता है. कई बार सीरियस मरीजों को समय पर सुविधा न मिलने से जान गंवानी पड़ती है. सरकारी सुविधा का लाभ गरीब व जरूरतमंद लोगों को न मिले तो यह गंभीर समस्या है. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की गई. परंतु किसी भी अधिकारी से बात नहीं हो सकी.
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