Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में आयोजित न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) कार्यशाला में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के एनईपी को-ऑर्डिनेटर डॉ धनंजय कुमार सिंह और एडमिशन सेल की चेयरमैन डॉ नमीता गुप्ता ने विश्वविद्यालय के अधीन सभी अंगीभूत, संबद्ध और अल्पसंख्यक कॉलेजों के प्राचार्य को नए कोर्स मैपिंग, नामांकन की प्रक्रिया एवं यूजी में वोकेशनल कोर्स संचालित करने की जानकारी दी. क्रेडिट बेस्ट चॉइस सिस्टम (सीबीसीएस) के स्थान पर एनईपी के अंतर्गत किए गए बदलाव के बारे में बताया गया.
अब सभी कॉलेजों में होगा वोकेशनल कोर्स
डॉ धनंजय ने सभी प्राचार्यों को बताया गया कि वे अपने-अपने कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की तैयारी कर लें. क्योंकि एनईपी के तहत सामान्य और वोकेशनल कोर्स को मर्ज कर दिया गया है. अब विद्यार्थियों को बीसीए, बीबीए, फोटोग्राफी, टाइपिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, कंप्यूटर कोर्सेस, ट्रांसलेशन मूर्तिकला कार्पेंट्री एसी रिपेयरिंग कम्युनिकेशन जैसे स्किल बेस्ड कोर्स पढ़ाने होंगे, जो यूजी कोर्स का हिस्सा होंगे. यूजी पूरा करने के लिए इन वोकेशनल विषयों के क्रेडिट भी प्राप्त करने होंगे. कार्यशाला में प्राचार्यों को स्थानीय सुविधाओं के आधार पर नए-नए वोकेशनल कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव देने को कहा गया.
आईटीआई-पॉलिटेक्निक की लें मदद
कार्यशाला में डॉ धनंजय कुमार ने प्राचार्यों को बताया कि कॉलेज में इन कोर्सेज को संचालित करने के लिए वे अपने आसपास के आईटीआई पॉलिटेक्निक जैसे वोकेशनल कोर्स के सेंटर की मदद ले सकता है. अब वोकेशनल कोर्सेस को क्यूरीकुलम का हिस्सा बना दिया गया है.
चांसलर पोर्टल पर नए तरीके से होगी मैपिंग
डॉक्टर धनंजय ने बताया कि अब विद्यार्थी स्नातक में नामांकन के समय नए कोर्स मैपिंग के अनुसार इंट्रोडक्टरी पेपर और मेजर पेपर का चुनाव करेंगे. इस सत्र से सामान्य कोर्स जैसे बीए, बीकॉम बीएससी की पढ़ाई बंद हो जाएगी. अब विद्यार्थियों को यूजी में ऑनर्स लेने के लिए न्यूनतम 45% अंक की आवश्यकता नहीं होगी. विद्यार्थी शुरुआत के 3 वर्ष की पढ़ाई सामान्य कोर्स की तरह करेंगे. चौथे वर्ष की पढ़ाई पूरा करने पर उन्हें ऑनर्स मिल जाएगा.
प्राचार्यों ने फंड का उठाया सवाल
सभी कोर्सेस संचालित करने के तौर-तरीकों और फंड को लेकर प्राचार्यों ने कई सवाल पूछे. उन्हें बताया गया कि कॉलेजों द्वारा दिए गए प्रपोजल पर विश्वविद्यालय मदद कर सकता है. कोर्स के आधार पर विश्वविद्यालय, कॉलेज और सरकार के स्तर पर मदद लेने का प्रयास किया जाएगा. कुछ कोर्सेज कॉलेजों को खुद से शुरू करने होंगे. कार्यशाला की अध्यक्षता डीएसडब्ल्यू डॉ देबजानी विश्वास ने की. कार्यशाला में सभी डीन, सभी अंगीभूत, संबद्ध और अल्पसंख्यक महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे.
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