छात्र विश्वविद्यालय की कार्यशैली को ठहरा रहे हैं दोषी, बीएड के परीक्षा परिणाम से भी असंतोष
Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) के विद्यार्थी खराब रिजल्ट को लेकर परेशान हैं. छात्र खराब रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय की कार्यशैली को दोषी ठहरा रहे हैं. विगत छह माह में यूजी सेम एक और दो, बीएड सेम एक वर दो के अलावा नर्सिंग के विद्यार्थियों का रिजल्ट खराब रहा. इस वजह से छात्रों ने हंगामा किया व सड़क जाम भी की है. 18 अगस्त को बीएड सेमेस्टर वन का परीक्षा परिणाम जारी हुआ, जिसमें 38 प्रतिशत विद्यार्थी फेल रहे. इस परिणाम के देख विद्यार्थियों में रोष व्याप्त है. इसके पहले भी बीएड में 36 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो चुके हैं. आशंका है कि सोमवार 21 अगस्त को विश्वविद्यालय खुलने के बाद एक बार फिर विद्यार्थियों का भारी विरोध विवि प्रबंधन को झेलना पड़ेगा.
निजी बीएड कॉलेजों की हालत भी अच्छी नहीं
18 अगस्त को जारी बीएड सेमेस्टर वन के परीक्षा फल में बीबीएमकेयू के अधीन 26 निजी बीएड कॉलेजों का रिजल्ट ज्यादा खराब रहा है. कुछ कॉलेजों में 50प्रतिशत से भी कम विद्यार्थी पास हुए हैं. हालांकि अंगीभूत कॉलेजों में संचालित बीएड कोर्स के 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है.
फेल-पास के खेल में अक्सर होता रहा विरोध-प्रदर्शन
बीबीएमकेयू ने बीएड सेकंड सेमेस्टर सत्र 2021-23 की परीक्षा में 36 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल कर दिया था. विद्यार्थियों ने पास करने या कॉपियों की रिचेकिंग की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया था. कई बार विश्वविद्यालय का घेराव करने के बाद विद्यार्थियों ने 4 अप्रैल को बेकार बांध के पास मुख्य सड़क को कई घंटों तक जाम कर दिया था.
यूजी सेमेस्टर वन में 72 प्रतिशत विद्यार्थी हुए थे फेल
स्नातक सेमेस्टर वन में 72 फ़ीसदी छात्र अनुत्तीर्ण हुए थे. उन विद्यार्थियों ने कई बार विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया. इसके तुरंत बाद सेमेस्टर टू की परीक्षा और उसके विषयों में बदलाव का विरोध करते हुए 21 जून को सैकड़ों छात्रों ने बीबीएमकेयू का मुख्य गेट जाम कर दिया था. उसी दिन राजभवन से जांच कमेटी भी विवि पहुंची थी.
नर्सिंग के विद्यार्थियों को पहले किया पास, बाद में फेल
बीबीएमकेयू के नर्सिंग के बीएससी फोर्थ सेमेस्टर के लगभग 400 विद्यार्थियों ने 17 मार्च को सड़क जाम की थी. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने बताया था कि फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के बाद जनवरी महीने में विवि ने रिजल्ट जारी किया, जिसमें सभी विद्यार्थी पास हुए थे. बाद में बताया गया कि सभी फेल हैं. उन्हें दुबारा परीक्षा देने को बाध्य किया गया, जिसका विद्यार्थियों ने विरोध किया था.