Anil panday
Dhanbad : झरिया के MRF टायर शोरूम संचालक और कारोबारी रंजीत साव की हत्या पीडीएस चावल के अवैध कारोबार को लेकर की गई या आपसी रंजिश में हत्या हुई ? यह अभी स्पष्ट नहीं है. रंजीत साव पीडीएस चावल का कारोबार नहीं करता था, लेकिन भागा रैक से आयरन चिप्स के ट्रांसपोर्टिंग को लेकर रंजीत साव और विजय गर्ग उर्फ बीजू में विवाद था. इसी को लेकर रंजीत साव के भाई रंजन साव के साथ मारपीट हुई थी. दोनों का घर भागा में कुछ मीटर की दूरी पर है.
विजय गर्ग का पार्टनर है भोलू यादव
हत्यारोपी विजय गर्ग का परिवार भागा में लगभग 50 वर्ष से है. विजय गर्ग के पिता इन्द्रसेन पंसारी झरिया से भागा आए थे. इनका भागा में पंसारी की दुकान है. ये तीन भाई हैं. सभी व्यापारी हैं. मुख्य रूप से इनका ट्रांसपोर्टिंग का काम है. विजय गर्ग पीडीएस चावल का अवैध कारोबार वर्षों से कर रहा है. इसी मामले में घनुवाडीह ओपी पुलिस ने इसे जेल भेजा था. रंजीत की हत्या का दूसरा आरोपी भोलू यादव जामाडोबा का रहने वाला है. कुछ दिन पूर्व से भागा में भी रह रहा था. इसका अपराधियों से संबंध रहा है. फिलहाल छेड़खानी मामले में जेल में है. इससे पहले भी जेल जा चुका है. कुछ दिन तक इसने भी पीडीएस अनाज के अवैध कारोबार में हाथ आजमाया था. अभी विजय गर्ग के साथ मिलकर काम कर रहा था. जेल जाने से पहले विजय गर्ग के पास भोलू यादव का कुछ पैसा बकाया था, वही 30 हजार रुपया विजय गर्ग ने भोलू के परिवार को दिया था.
सद्दाम झरिया तो हुमायूं भागा का
तीसरा आरोपी सद्दाम भी झरिया का रहनेवाला है. इस पर कई आरोप है. ये भी जेल में है. जेल में इसकी मुलाकात अमन सिंह से हुई. ये अमन सिंह के लिए काम करने लगा. यह गोविंदपुर में फायरिंग के आरोप में जेल में है. इसी ने शूटर का बंदोबस्त किया था. इसी के कहने पर दोनों शूटर को बीजू ने 70 हजार रुपया दिए थे. चौथा आरोपी हुमायूं भी भागा के समीप का रहने वाला है. इसका पहले से किसी बड़े आपराधिक मामले में नाम नहीं है. लेकिन, बीजू के साथ मिलकर दोनों शूटरों को यही बोकारो स्टेशन से लाया और फिर छोड़ा. साथ ही हथियार भी उपलब्ध करवाया था. शूटर को बोकारो स्टेशन से झरिया लाया गया था. शूटर बिहार या यूपी का है, जिसे खोजने में पुलिस लगी है. पुलिस टीम बिहार और यूपी में दोनों शूटर को खोज रही है.
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