मैथन 6 फीट व पंचेत 9 फीट खतरे के निशान से नीचे
Maithan: दामोदर घाटी के ऊपरी क्षेत्र में लगातार बारिश से मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर काफी तीव्र गति से बढ़ रहा है. केन्द्रीय जल आयोग के निर्देश पर सोमवार 2 अक्टूबर से मैथन डैम से 55 हजार क्यूसेक और पंचेत डैम से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. डैमों से पानी छोड़े जाने के कारण दामोदर घाटी के निचले क्षेत्र यानी पश्चिम बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालांकि केन्द्रीय जल आयोग एवं डीवीसी जलाशय प्रबंधन विभाग ने पहले ही पश्चिम बंगाल प्रशासन को हाई अलर्ट कर दिया था, ताकि नदी किनारे रहने वाले लोग सतर्क हो जाएं.
जानकारी के अनुसार पिछले दस दिनों में मैथन डैम के जलस्तर में 7 फीट तथा पंचेत डैम के जलस्तर में 9 फीट की वृद्धि दर्ज की गयी है. दामोदर घाटी के ऊपरी क्षेत्र स्थित तिलैया, कोनार एवं तेनुघाट डैम से लगातार पानी छोड़े जाने व बारिश के कारण दोनों डैम का जलस्तर काफी तेजी बढ़ा है. सीडब्ल्यूसी के अनुसार 2 अक्टूबर को मैथन डैम में 79,109 एकड़ फीट और पंचेत डैम में 1,03,098 एकड़ फीट पानी ऊपरी क्षेत्र से आ रहा है. इसे देखते हुए मैथन डैम से 30823 एकड़ फीट एवं पंचेत डैम से 49226 एकड़ फीट पानी छोड़ा जा रहा है.
सोमवार की सुबह मैथन डैम का जलस्तर 488.81 फीट मापा गया, जो खतरे के निशान 495 फीट से 6 फीट कम है,जबकि पंचेत का जलस्तर 415.49 फीट (डेंजर लेबल 425 फीट) मापा गया है. वहीं कोनार डैम का 1391.40 फीट, तिलैया डैम का 1202.72 फीट एवं तेनुघाट डैम का 855.35 फीट जलस्तर मापा गया. उपरोक्त सभी डैम के जल स्तर पर केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों की कड़ी नजर बनी हुई है. विभाग का मानना है कि लगातार बारिश के कारण सभी डैमों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. सब कुछ सामान्य है.