ज्ञानवर्द्धन मिश्र
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया. यह हाल है उन सेवानिवृत कोल कर्मियीं का, जिन्हें पेंशन के रूप में प्रति वर्ष 12 हजार या उससे कम राशि मिलती है, लेकिन उन्हें कंपनी की मेडिकल सुविधा लेनी हो तो 40 हजार रुपया देना होगा. कोल इंडिया लिमिटेड में लगभग सवा लाख ऐसे सेवानिवृत कर्मचारी हैं.
जानकारी के मुताबिक भारत कोकिंग कोल लिमिटेड ( बीसीसीएल), सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड ( सीसीएल), ईस्टर्न कोल्फाइल्ड लिमिटेड (ईसीएल) सहित कोल इंडिया की अन्य अनुषांगिक कंपनियों की आर्थिक जड़ को मजबूत करने वाले कर्मी जब सेवा निवृत्त हुए और अपने स्वास्थ्य व उम्र जनित बीमारियों को लेकर चिंतित हुए तो सीआईएल के प्रावधान ने विचलित कर दिया है. ऐसे सेवानिवृत कर्मियों की नजर प्रधानमंत्री आयुष्मान हेल्थ स्कीम की ओर है.
इस संबंध में कोल पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामानुज प्रसाद ने बताया कि लगभग 1.26 लाख ऐसे सेवानिवृत कर्मी हैं, जिनकी मासिक पेंशन की राशि 49 रुपये से लेकर 1000 रुपये के बीच है. इसलिए कोल इंडिया की हेल्थ स्कीम में 40 हजार रुपया जमा करना इनके वश की चीज नहीं. अब इन रिटायर कर्मियों को पीएम आयुष्मान भारत योजना से जुड़ने के लिए आवेदन जमा करने को कहा गया है.
उन्होंने बताया कि पेंशन के पुनरीक्षण के लिए कई बार आंदोलन किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जब बड़े अधिकारी ही सुनवाई नहीं करते तो निचले स्तर की क्या औक़ात. दवा एवं अन्य उपकरणों की कमी के कारण कोल कंपनियों के अस्पतालों की दशा भी अच्छी नहीं है. कम पेंशन मिलने के कारण रिटायर कोल कर्मी बाजार से भी दवा नहीं खरीद पाते हैं. श्री प्रसाद के अनुसार यदि पीएम आयुष्मान भारत योजना से जुड़ जाते हैं तो पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा.