Dhanbad: पत्रकारिता का रास्ता कभी आसान नहीं था और न आज है. आप के अंदर क्रिएटिविटी और बदलते दौर के साथ कुछ नया करने की क्षमता है, तब ही आप इस फील्ड में टिक सकते हैं. आज डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया के बीच बने रहना प्रिंट मीडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. यह कहना है राज्यसभा के उप सभापति और वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश का. वे शुक्रवार, 29 अप्रैल की दोपहर आईआईटी-आईएसएम में धनबाद प्रेस क्लब और BBMKU के पत्रकारिता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में ‘पत्रकारिता का अतीत, वर्तमान और भविष्य विषय पर बोल रहे थे.
चाय के साथ अख़बार पढ़ने का जमाना नहीं रहा
उन्होंने कहा कि आज इतने सारे माध्यम आ गए हैं कि बड़ी तेजी से सूचनाएं हमारे स्मार्ट फोन पर फ्री में पहुंच जा रही है. ऐसे में पैसे लगाकर अख़बार कौन पढ़ना चाहेगा. चाय के साथ अख़बार पढ़ने का जमाना भी नहीं रहा, ऐसे भी नई पीढ़ी सुबह उठती नहीं है. इन सब के बीच आज सत्यता का भी सवाल उठने लगा है. हर दिन कई खबरें झूठी या अपने फायदे या समाज में विध्वंश फ़ैलाने वाली साबित हो रही है. प्रिंट मीडिया भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में साख बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन, नए आइडियाज और ईमानदारी-सत्यता के बल पर हम पत्रकारिता को नए मुकाम पर पहुंचा सकते हैं .
——तो हम अपनी साख बचा सकते हैं
विकसित टेक्नोलॉजी के कारण हर काम इतना फ़ास्ट होने लगा है कि लोग अब ज्यादा देर तक किसी की सुनना नहीं पसंद करटे. ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट’ के आने से दिमाग की सोचने की क्षमता घट रही है. 10-20 साल यही हाल रहा तो दिमाग सोचना ही छोड़ देगा. वसुधैव कुटुम्बकम का नारा आज पूरी दुनिया में लागू हो रहा है. आप अपने देश को कितना भी विकसित क्यों न कर लें, लेकिन दुनिया में कहीं भी अशांति है, तो आप चैन से नहीं जी सकते. ऐसे बहुत से विषय हैं, जिन्हें पूरी सत्यता के साथ लोगों के सामने लाया जाए तो हम अपनी साख बचा सकते हैं और लोग उसे पढ़ना भी पसंद करेंगे.
पैरवी नहीं, हुनर का जमाना
पश्चिम के कई क्रिएटिव लोग इस पर काम कर रहे हैं , नई-नई किताब लिख रहे हैं. उससे भी हमें सीखने की जरूरत है, खासकर उस युवा पीढ़ी को जो पत्रकारिता में अपना भविष्य देख रहे हैं . हरिवंश ने कहा कि अब राजा का बेटा या अमीर का बेटा भी बड़ा आदमी नहीं बन सकता. अब काम पैरवी पर नहीं, हुनर पर मिल रहा है. आपके हुनर की कद्र नहीं है तो आप खुद स्टार्ट अप से जुड़कर बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं. महात्मा गांधी गांधी भी कहते थे कि सफलता पवित्र रास्तों पर चल कर ही हासिल की जा सकती है.
ये रहें उपस्थित
कार्यक्रम में सांसद पीएन सिंह, आईएसएम के निदेशक राजीव शेखर, बीबीएमकेयू के पत्रकारिता विभाग के एचओडी मंतोष पांडेय, आईएसएम की प्रो रजनी सिंह ने भी पत्रकारिता की नई चुनौतियों से अवगत कराया. कार्यक्रम में विधायक राज सिन्हा, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार विजय पाठक सहित प्रेस क्लब के सदस्य और बीबीएमकेयू के पत्रकारिता विभाग के छात्र- छात्राएं उपस्थित थी.
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