Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को सूबे के सबसे बड़े अस्पताल होने का तमगा प्राप्त है. लेकिन यहां की व्यवस्था देखकर आपको हैरानी होगी कि क्या यह वाकई राजधानी रांची का अस्पताल है, जहां कुछ घंटे की बारिश के बाद ही बत्ती गुल हो जाती है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यहां जेनरेटर की सुविधा भी है, लेकिन वजह क्या रही होगी कि इसे चलाया नहीं गया. जिम्मेदार अधिकारियों के केबिन की लाइटें तो जरूर जलती रही, लेकिन रिम्स का सबसे महत्वपूर्ण इमरजेंसी विभाग में बत्ती गुल हो जाती है और टॉर्च के सहारे डॉक्टर मरीज का इलाज करने को विवश हो जाते हैं. और तो और यहां का सर्वर भी ठप हो जाता है. जिस वजह से सैकड़ों मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं.
4 घंटे से ठप है सर्वर, रजिस्ट्रेशन के लिए भटकते रहे मरीज
रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है. रजिस्ट्रेशन के बाद ही मरीज चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं. रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांच के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. लेकिन शनिवार को रिम्स का सर्वर 4 घंटे से ठप रहा. जिस कारण सैकड़ों मरीज इलाज से वंचित रहे.
सर्वर ठप होने की मिली है सूचना, दुरुस्त करने में लगे हैं अधिकारी
वहीं, इस मामले पर रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन बिरुआ ने कहा कि सर्वर ठप होने की सूचना मिली है. और इसे दुरुस्त कराने के लिए रिम्स के चिकित्सा उपाधीक्षक लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि दोपहर बाद तेज आंधी बारिश के कारण समस्या उत्पन्न हुई है. जबकि अस्पताल में बत्ती गुल हो जाने के विषय पर डॉ बिरुआ ने कहा कि आंधी- बारिश के कारण ऐसी समस्या हुई है. हालांकि अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था है.
कब-कब फेल हुआ रिम्स का सर्वर
- 27 जनवरी को भी रिम्स का सर्वर ठप रहा था. इसके कारण लगभग डेढ़ घंटे तक रजिस्ट्रेशन बाधित रहा. सर्वर आने के बाद रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई.
- 29 जनवरी को भी रिम्स का सर्वर करीब 5 घंटे तक फेल था. सर्वर डाउन होने के कारण ओपीडी में आने वाले मरीजों को ऑनलाइन पर्ची नहीं कट पा रही थी. इस वजह से करीब 300 मरीज इलाज और जांच से वंचित हुए थे.
- वहीं 15 मार्च को भी रिम्स का सर्वर करीब 8 घंटे तक ठप था. सुबह तीन बजे से सर्वर डाउन रहने की वजह से पर्ची नहीं कट रही थी.
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