Pravin Kumar
Ranchi : हम साथ-साथ हैं…ये चार शब्द झारखंड कैडर के एक आईएएस अधिकारी और सहकारिता सेवा के एक पदाधिकारी पर पूरी तरह फिट बैठते हैं. आईएसएस साहब का जिस जिले में ट्रांसफर होता है, वे अपने साथ सहकारिता सेवा के पदाधिकारी को भी साथ ले जाते हैं. लातेहार जिला में यह चर्चा आम है कि उपायुक्त भोर सिंह यादव से किसी भी तरह का काम हो, तो पहले सहायक निबंधक सुजीत कुमार सिंह के पास माथा टेकना होगा. अगर वे मान गये तो आपका काम होगा, नहीं माने तो भूल जाइये कि काम हो पाएगा.
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जहां गये, साथ ले गये
इस चर्चा के पीछे वजह भी है जब भोर सिंह यादव गोड्डा के उपायुक्त थे तो सुजीत कुमार सिंह को वहां अपने साथ ले आए. भले ही सरकारी प्रक्रियाओं को पूरा करके उन्हें लाया गया. इसके बाद 10 जुलाई को भोर सिंह यादव का गोड्डा से लातेहार ट्रांसफर किया गया. यहां भी वे उपायुक्त बनाये गये. इसके ठीक 17 दिन बाद यानी 27 जुलाई को सुजीत कुमार सिंह का भी गोड्डा से लातेहार ट्रांसफर हुआ. भोर सिंह यादव के तबादले के बाद सुजीत ने भी कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग में ट्रांसफर की अर्जी लगाई, जिसपर एक आईएएस की पैरवी से महज 17 दिन में मुंहमांगी जगह पर ट्रांसफर कर दिया गया.
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सुपर डीसी का दर्जा
सुजीत कुमार पहले से ही उपायुक्त के खास रहे ही हैं, लेकिन लातेहार तबादले के बाद भोर सिंह ने वहां उन्हें सुपर डीसी बना दिया. जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के काबिल अधिकारियों के होते हुए भोर सिंह यादव की मेहरबानी से सहकारिता सेवा के पदाधिकारी सुजीत को लातेहार में कई अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. यहां उन्हें जिला विकास शाखा का प्रभारी पदाधिकारी, विशेष केंद्रीय सहायता का प्रमुख, विधि शाखा का प्रमुख, जिला का विशेष कार्य पदाधिकारी के अलावा जिला गोपनीय शाखा का भी प्रभार दे दिया गया. जिला में यह चर्चा जोरों पर है अगर किसी आईएएस की मेहरबानी हो तो कोई भी छोटा पदाधिकारी सुपर पावर से लैस हो सकता है.