Jaideep Sinha
Barhi : बरही में लगातार बढ़ रही गर्मी से लोग परेशान हैं. एक तरफ बढ़ रही गर्मी तो वहीं दूसरी तरफ बूंद-बूंद पानी के लिए भी लोग परेशान हो रहे हैं. बरही के जलस्रोतों की हालत खराब है. कुएं सूख चुके हैं और चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. विभागीय स्तर से इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हुआ है. ग्रामीणों की शिकायत पर जनप्रतिनिधि नलकूप रिपेयरिंग तो करवाते हैं, परंतु सप्ताह से दस दिनों में वह जवाब दे देता है. यह स्थिति लगभग प्रखंड के सभी पंचायतों में है.
पश्चिमी पंचायत में पेयजल की स्थिति दयनीय- मुखिया
प्रखंड के बरही पश्चिमी में कुल 11 वार्ड हैं. मुखिया मो शमशेर आलम ने बताया कि उनकी पंचायत में तकरीबन 75 हैंडपंप है. इसमें अधिकांश हैंडपंप खराब हैं. जो बचे हैं, वह भी जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पंचायत में पेयजल की स्थिति दयनीय है. कोई कोष उपलब्ध नहीं है, बावजूद वह किसी प्रकार प्राथमिकता के आधार पर खराब नलकूप बनवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएचईडी को भी खबर किया गया, परंतु अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
खराब चापाकलों की सूची तैयार
वहीं पंचायत सचिव रामवृक्ष सिंह ने बताया कि खराब चापाकल के मरम्मत के लिए सूची बनाई जा चुकी है. सूची को ऑनलाइन करने के लिए ऑपरेटर साइट का इंतजार कर रहा है, जिसे विभाग अब तक चालू ही नहीं किया है. उन्होंने यह भी बताया कि बरही पश्चिमी पंचायत में अब तक 30-35 चापाकल मरम्मत करवाए जा चुके हैं. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रत्येक चापाकल के लिए अधिकतम 4100 रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान है.
मुखिया ने शिकायत पर नहीं की कार्रवाई- सिंकी देवी
वार्ड तीन की सदस्य सिंकी देवी ने बताया कि उनकी पंचायत में पांचों हैंडपंप खराब हैं. लोग पानी के लिए परेशान हैं. मुखिया को इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई पहल नहीं की गई. छोटा शिव मंदिर और बरही चौक के पास लगा हैंडपंप खराब होने से सबसे अधिक परेशानी हो रही है.
कोष उपलब्ध नहीं, फिर भी हो रही चापाकलों की मरम्मत- बीडीओ
बीडीओ सीआर इंदीवर ने बताया कि इस संबंध में अब तक विभाग की ओर से कोई कोष उपलब्ध नहीं करवाया गया है. प्रखंड की ओर से सूचना दी गई है. जिस पंचायत में पहले से कोष उपलब्ध हैं, वह काम करवा रहे हैं. जो हैंडपंप खराब हैं, उसकी सूचना पीएचईडी को दी जा रही है. पीएचईडी के माध्यम से ही रिपेयरिंग करवाए जा रहे हैं.
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