Islamabad : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित भारतीय दूतावास के ऊपर ड्रोन उड़ते हुए देखे जाने की खबर आयी है. भारत ने इस मामले को पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने उठाते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है. जानकारी के अनुसार यह ड्रोन भारतीय दूतावास के अधिकारियों के आवास के ऊपर उड़ता हुआ दिखा था. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान में भारतीय मिशन के अंदर ड्रोन दिखाई दिया है.
ड्रोन दिखाई देने के समय भारतीय मिशन के अंदर कार्यक्रम चल रहा था
रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन उड़ने की घटना 26 जून को घटी ड्रोन के दिखाई देने के समय भारतीय मिशन के अंदर एक कार्यक्रम चल रहा था. हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि ड्रोन कहां से आया था और इससे भारतीय दूतावास की सुरक्षा को कोई खतरा तो नहीं हुआ.
संयोग की बात यह भी है कि उसी दिन जम्मू स्थित भारतीय वायु सेना के अड्डे पर ड्रोन से विस्फोटक गिराये गये थे. 27 जून को भारतीय वायुसेना ने इस विस्फोट की जानकारी दी थी. इस ड्रोन हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ होने की आशंका जाहिर की गयी थी, जांच में जानकारी सामने आयी कि जम्मू हवाई अड्डे पर हमले के लिए मिलिट्री ग्रेड के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था
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भारतीय राजनयिकों का पीछा किया जाता है
पाकिस्तान लगातार वियना संधि का उल्लंघन करता रहा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय राजनयिकों को परेशान करने का काम भी करती है. भारतीय राजनयिकों का पीछा किया जाता है. इस्लामाबाद के अति सुरक्षित क्षेत्र में राजनयिकों के आवास होने के बावजूद लोगों का जमावड़ा करवाकर भारतीय मिशनों के आगे शोरगुल भी किया जाता है.
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क्या है वियना संधि
साल 1961 में आजाद देशों के बीच राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि हुई थी. इस संधि के तहत राजनयिकों को विशेष अधिकार दिये गये. हैं. इस संधि के दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इंटरनेशनल लॉ कमीशन द्वारा तैयार एक और संधि का प्रावधान किया, जिसे वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस कहा गय.। इस संधि को 1964 में लागू किया गया था.
राजनयिकों को लेकर बनाये गये नियम
इस संधि के तहत मेजबान देश अपने यहां रहने वाले दूसरे देशों के राजनयिकों को विशेष दर्जा देता है. कोई भी देश दूसरे देश के राजनयिकों को किसी भी कानूनी मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकता है. न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है. वहीं, राजनयिक के ऊपर मेजबान देश में किसी तरह का कस्टम टैक्स नहीं लगाया जा सकता है.