LagatarDesk : इन दिनों टेलीकॉम सेक्टर काफी चर्चा का विषय है. सबसे अधिक चर्चा वोडाफोन-आइडिया को लेकर हो रही है. दरअसल कंपनी कर्ज में डूबी हुई है. कंपनी का घाटा लगातार बढ़ रहा और नये निवेश भी बंद हो गये हैं. इसके कारण वोडाफोन-आइडिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. खबरों की मानें तो टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अब बंद होने के कगार पर पहुंच गयी है.
वोडाफोन पर 1.80 लाख करोड़ का कर्ज बकाया
यदि कंपनी बंद होती है तो इसका असर 28 करोड़ यूजर्स पर तो पड़ेगा ही. साथ ही देश के 7 बड़ें बैकों पर भी इसका असर होगा. दरअसल कंपनी पर कर्ज का बोझ भी अधिक है. यदि कंपनी बंद होती है तो बैकों की मोटी रकम डूब सकती है. बता दें कि वोडाफोन ने अलग-अलग तरीके से करीब 1.80 लाख करोड़ का कर्ज लिया है.
वोडाफोन पर डेफर्ड स्पेक्ट्रम के रूप में 96270 करोड़ का कर्ज बकाया है. इसके अलावा एजीआर का 60960 करोड़ बाकी है. साथ ही उस पर बैंकों का 23080 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी को अगले 10 महीने में 32,261 करोड़ का पेमेंट करना है. आपको बता दें कि कंपनी के बोर्ड मेंबर्स ने पिछले साल 25,000 करोड़ जुटाने की घोषणा की थी. लेकिन कंपनी अब तक फंड नहीं जुटा पायी है.
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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की डूबेगी 3240 करोड़ रुपये
कंपनी पर एसबीआई सहित 7 बैंकों का कुल 23080 करोड़ रुपये का कर्ज है. परसेंटेज के अनुसार, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक टॉप पर है. कंपनी पर इस बैंक का कर्ज 3240 करोड़ है. यह लोन बुक करीब 2.90 फीसदी है. इसके अलावा कंपनी पर यस बैंक का 4000 करोड़ रुपये बकाया है. यह रकम लोन बुका 0.44 फीसदी है. कंपनी पर इंडसइंड बैंक का 3500 करोड़, एसबीआई का 3000 करोड़, आईसीआईसीआई बैंक का 1700 करोड़, एक्सिस बैंक का 1300 करोड़ और एचडीएफसी बैंक का 1000 करोड़ रुपये बकाया है.
वोडाफोन के 28 करोड़ ग्राहकों पर भी होगा असर
अगर वोडाफोन आइडिया बंद होती है, तो मोबाइल यूजर्स पर भी इसका असर देखा जायेगा. वोडाफोन आइडिया के पास करीब 28 करोड़ ग्राहक हैं. अगर कंपनी बंद होती है तो इन ग्राहकों का नंबर बंद हो जायेगा. हालांकि दूसरी कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल को इसका फायदा जरुर मिल सकता है.
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कर्ज में डूबी कंपनी बंद होने के कगार पर
बता दें कि बिड़ला ने हाल ही में कर्ज में डूबी कंपनी को बाहर निकालने के लिए एक तत्कालिक सरकारी पैकेज की मांग की थी. जिस पर सरकार ने कुछ जवाब नहीं दिया था. जिसके बाद वोडाफोन के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कुमार मंगलम बिड़ला की जगह हिमांशु कपानिया ने लिया. बिड़ला के इस्तीफा देने के बाद यह बात जोर पकड़ रही है कि कही कंपनी बंद तो नहीं होने वाली है.
2018 में वोडाफोन और आइडिया का हुआ था मर्जर
बता दें कि 31 अगस्त, 2018 में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का मर्जर हुआ था. तब से यह कंपनी लगातार घाटे में है. वोडा और आइडिया को इसलिए मर्ज किया गया था ताकि मुश्किलें कम हो सके. लेकिन कंपनी की मुश्किलें कम होने के जगह और बढ़ती जा रही है.
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