Dumka : दुमका (Dumka)– द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार मिश्रा की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्ध होने पर दस आरोपियों को 25-25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. आरोपियों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा भी मुकर्रर की गई. मुफस्सिल थाना दुमका में दर्ज कांड संख्या 180/2020 (सत्र वाद संख्या 44/2021) में 31 मई को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने सजा सुनाई. दोषियों के नाम मनोज मोहली, मंगल मोहली उर्फ मामू, बोदी लाल मोहली, संतोष हेंब्रम, विकास मोहली, मिथुन टुडू, नुनूलाल मोहली, उज्जवल मोहली और एगियास मोहली है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर सभी आरोपियों को को ढ़ाई-ढाई साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने पड़ेंगे.
इसी मामले में अन्य आरोप सिद्ध होने पर अदालत ने आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोपियों को पांच वर्ष के कारावास और पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना भरने करने की सजा सुनाई. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त एक साल और कारावास में रहना पड़ेगा.
सामूहिक दुष्कर्म मामले में ही आरोपियों पर एक और आरोप सिद्ध हुए. इस मामले में आईपीसी की धारा 342 के तहत एक साल के कारावास और एक हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा मुकर्रर की गई. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. अदालत के निर्देश पर आरोपियों पर सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी.
सरकार की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता सोमा गुप्ता ने बहस की. अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में दस गवाह पेश किए गए.
प्रभारी लोक अभियोजक चंपा कुमारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार दुमका मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 35 वर्षीया महिला के लिखित शिकायत पर आईपीसी की धारा 376 डी, 379, 342, 504, 506 के तहत 16-17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार काठीकुंड थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता पति और बच्चों के साथ मुफस्सिल थाना क्षेत्र के घासीपुर गांव में रह रही थी. 8 दिसंबर 2020 की शाम करीब 7 बजे महिला अपने पति के साथ बाजार से सब्जी व अन्य सामान खरीदारी कर घर लौट रही थी. अंधेरे में आरोपियों ने हथियार का भय दिखाकर पति को बंधक बनाने के बाद महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने महिला और पति से नगद रुपये भी छीन लिए. घटना के दूसरे दिन 9 दिसंबर 2020 को पीड़िता ने थाने में सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई. गैंगरेप के इस चर्चित मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान में लेकर झारखंड के डीजीपी को जांच का का निर्देश दिया था. पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में संलिप्त सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
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