Dumka : हेमंत सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं. तीन वर्षीय कार्यकाल में राज्य सरकार आपराधिक घटनाएं रोकने में विफल रही है. इसके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने 29 दिसंबर को जनाक्रोश रैली निकालकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. जनाक्रोश रैली वीर कुंवर सिंह चौक से मेन रोड होते हुए टिन बाजार चौक में जाकर जनसभा में तब्दील हो गई तथा वहीं पुतला फूंका गया. कार्यकर्ताओं ने हेमंत सरकार विरोधी नारे लगाए. रैली का नेतृत्व झारखंड के पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने की. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में आपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. राज्य सरकार अपराध रोकने में विफल रही है. राज्य में महिलाओं का उत्पीड़न बढ़ा है. महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. कोल्हान से साहेबगंज तक महिला उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं. दुमका का पेट्रोल हत्याकांड या साहिबगंज का रेविका पहाड़न की हत्या मामला इसका जीता जागता उदाहरण है. हेमंत सरकार की शह पर कोयला व बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है. कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है. हेमंत सरकार खुद को आदिवासी हितैषी करार देती है, जबकि सच्चाई ये है कि सबसे ज्यादा आदिवासी ही हिंसा के शिकार हो रहे हैं. अमर शहीद सिद्धो कान्हो के वंशज भी सुरक्षित नहीं हैं. रैली में भाजयुमो जिलाध्यक्ष के अलावा पार्टी के मीडिया प्रभारी पिंटू अग्रवाल और धर्मेंद्र सिंह बिट्टू समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकार्ताओं ने भाग लिया.