Dumka : उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के निर्देश पर सदर प्रखंड अंतर्गत घासीपुर गांव के मोहली टोला स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करने प्रशिक्षु आईएएस सह सहायक समाहर्ता सन्नी राज गए थे. निरीक्षण के क्रम में विद्यालय के प्राचार्य ने उन्हें बताया कि विकास मद की राशि विद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है. आईएएस को पता चला कि इस विद्यालय को रंग रोगन एवं सामग्री क्रय के लिए राशि भेजी जा चुकी है. प्रशिक्षु आईएएस ने मामले की जांच कराना उचित समझा. उनके अनुशंसा के आलोक में मोहली टोला स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय समेत आठ विद्यालयों की जांच दुमका सदर के बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने की. जिन विद्यालयों की जांच हुई उनके नाम हैं- उत्क्रमित मध्य विद्यालय चादोपानी, उत्कमित मध्य विद्यालय श्रीअमड़ा, राजकीय मध्य विद्यालय, लखीकुण्डी, प्राथमिक विद्यालय, जरूवाडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय विजयपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकटी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुखराली तथा प्राथमिक विद्यालय बेहराबक.
जांच में बीडीओ ने पाया कि उपरोक्त विद्यालयों के रंग रोगन और सामग्री क्रय के लिए वाऊचर पास कराकर वेंडर के खाते में भुगतान कर दिया गया है. राशि भुगतान के बावजूद विद्यालयों का न रंग रोगन किया गया और न ही सामग्रियों की क्रय की गई.
मोहली टोला घासीपुर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में 10 हजार रुपये रंग रोगन की सामग्री खरीदने और 10 हजार रुपए मजदूरी भुगतान के लिए वेंडर के खाते में भेजी गई थी. राशि भेजे जाने के बावजूद न ही रंग रोगन किया गया और न ही सामग्री खरीदी गई. इसी प्रकार अन्य विद्यालयों में भी विकास मद की राशि गड़बड़ के मामले सामने आए हैं.
भुगतान की राशि गड़बड़ी के मामले में वेंडर, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, संबंधित विद्यालय के प्राचार्य व सचिव, प्रखंड संसाधन केन्द्र के लेखापाल, दुमका प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को वेंडर, दोषी प्राचार्य समेत प्रबंधन समिति और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है.
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