Dumka : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने दुमका परिसदन में प्रेस-कॉन्फ्रेंस की. सालखन मुर्मू ने बताया कि 22 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में हासा-भाषा जीतकर माहा अर्थात मातृभूमि-मातृभाषा विजय दिवस समारोह आयोजित किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम में झारखंड, बंगाल, बिहार, ओड़िसा, आसाम के अलावा नेपाल, भूटान व बांग्लादेश से प्रतिनिधि शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है. सालखन मुर्मू ने कहा कि 22 दिसंबर 1855 को संथाल परगना स्थापित हुआ था. यह समारोह सिद्धो मुर्मू के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ़ हुए संथाल विद्रोह के इतिहास को पुनर्जीवित करेगा.
सालखन मुर्मू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा और कहा कि हेमंत सोरेन खतिहानी जोहार नहीं लूट-झूठ की जोहार यात्रा पर निकले हैं. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की बात जनता के साथ छलावा, राजनीतिक स्टंट और झूनझूना है. इमोशनल ब्लैकमेल करने की धूर्तता है.
उन्होंने कहा कि जिस संथाल विद्रोह को महान वीर शहीद सिदो मुर्मू के संघर्ष और बलिदान के प्रतिफल के रूप में अंग्रेजों ने स्थापित किया था. उसी समय संथाल परगना टेनेंसी कानून भी बना था. उसी तरह 22 दिसंबर 2003 को लंबे संघर्ष के बाद संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ था. इसलिए 22 दिसंबर मातृभूमि और मातृभाषा विजय का ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि अंग्रेज अफसर वाल्टर शेरविल द्वारा चित्रांकित शहीद सिद्धो मुर्मू की तस्वीर जो पहली बार 23 फरवारी 1856 को इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज़ में प्रकाशित हुआ था, उसे प्रचारित और स्थापित किया जायेगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, ज्योति मुर्मू, प्रमंडलीय अध्यक्ष कमिश्नर मुर्मू, संताल परगना जोनल हेड अमर मरांडी,युवा हेड विनोद मुर्मू, जिला अध्यक्ष सुनील मुरमू, शिवराम मुर्मू, मोहन मुर्मू, बर्नाड हांसदा आदि उपस्थित थे.
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