Dumka : विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सिद्धो कान्हू विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने रैली निकाली. रैली की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई. शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरती हुई ये रैली एसपी कॉलेज मैदान में जाकर खत्म हुई. जहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया. तीर धनुष के साथ पहुचे छात्र अपने सर पर 1932 खतियान लागू करो लिखा पट्टा लगाए हुए थे. छात्र नेता साममदेव हेम्ब्रम ने कहा कि वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदें थी. लेकिन हेमंत सोरेन ने सभी के विश्वासों को तोड़ा है. सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने आदिवासियों की वर्तमान स्थिति पर चिंता ज़ाहिर की. कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति बद से बदतर है. आज भी दुमका के आसपास कई ऐसे गांव हैं, जहां जाने के लिए सड़क नहीं है. आदिवासी ग्रामीण डोभा ओर पोखर का गंदा पानी पीने को विवश है. कहा कि यहां के आदिवासियों को खनिज संपदा का शेयर होल्डर बनाया जाए. और इन्हें मुनाफ़े में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
रामगढ़ के सुसुनिया में जुटे सैंकड़ों ग्रामीण
जिले के रामगढ़ प्रखंड के सुसनिया पंचायत अन्तर्गत कड़बिंधा गांव के फुटबाल मैदान में विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी मूलवासी एभेंन अखड़ा ने कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में बड़ी तादाद में आदिवासी ग्रामीणों का जुटान हुआ. इस मौके पर सेक्रेट हार्ट मिडिल स्कूल, विज़डम प्ले स्कूल के बच्चों ने शानदार रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया. ग्रामीण और अखड़ा ने सरकार से 1932 खतियान, स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू करने की मांग की. साथ ही पेसा कानून, संताली भाषा को राज्य भाषा, अनुसूचित जनजाति को आदिवासी का दर्जा देने की मांग की. इस मौके पर ईसा टुडू, प्रेमटु किस्कु, बुधन सोरेन, अनिल सोरेन, किसुन सोरेन, रुबिलाल किस्कु, रानी टुडू, सुशीला हांसदा, शमसोल सोरेन, उज्ज्वल मरांडी, राजेश मुर्मू, प्रकाश हेम्ब्रम, बबलू सोरेन, चूंडा मरांडी, बुधराय हेम्ब्रम, सिमोन मुर्मू, मोटका सोरेन, देवीलाल हांसदा, मोनिका मरांडी, रवि टुडू, मिथुन हेम्ब्रम, बालेश्वर टुडू, सपन देहरी आदि उपस्थिति थे.
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