Dumka : दुमका (Dumka)– तमिलनाडु में बंधक बनाए गए जरमुंडी के 8 मजदूर सकुशल घर लौट आए हैं. तमिलनाडु पुलिस ने इन मजूदरों को मुक्त कराया. 2 जुलाई को दुमका पहुंचने पर सभी मजदूरों को परिजनों को सौंप दिया गया. आठ मजदूरों में 5 महिला और 3 पुरुष हैं. इन मजदूरों को लाने दुमका पुलिस तमिलनाडु गई थी. यह जानकारी एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने प्रेस कांफ्रेस में दी.
उन्होंने कहा कि 28 जून को जनातन किस्कू ने आहतू थाना (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) में मजदूरों बंधक बनाए जाने की लिखित शिकायत की थी. जरमुंडी से आठों मजदूर बिस्कुट फैक्ट्री में काम करने केरल गए थे. कुछ दिनों तक वहां काम करने के बाद सभी तमिलनाडु गए. तमिलनाडु पहुंचने पर मजदूरों को बंधक बना लिया गया. इनलोगों से आधार कार्ड भी छीन लिए गए. बंधक बनी एक महिला मजदूर सुनीता किस्कू ने परिजनों को मोबाइल से मैसेज भेजकर जानकारी दी. मैसेज पाते ही परिजनों ने थाने में शिकायत की.
एसडीपीओ ने कहा कि दुमका पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. जिस मोबाइल से मैसेज भेजा गया था उसकी नंबर ट्रेसिंग कर लोकेशन का पता किया. ट्रेसिंग में तमिलनाडु के पलानी शहर का पता चला. दुमका आहतू थाना प्रभारी श्वेता कुमारी ने तत्काल तमिलनाडु पुलिस को मामले की जानकारी दी. तमिलनाडु पुलिस ने आठों मजदूरों को पलानी शहर से छुड़ा लिया.
बंधक बनी सुनीता किस्कू ने पुलिस को बयान दिया कि बंधक अवस्था में हमलोंगों को प्रताड़ित किया गया. खाने-पीने पर पाबंदी थी. कुछ दिनों तक हमलोगों को ईंट भट्ठे पर काम कराया गया. हमलोग घर लौटना चाहते थे. ईट भट्ठा मालिक को घर लौटने की बात कहने पर 30 हजार रुपये की मांग की गई. हमलोगों के पास रुपये नहीं थे. ईट भट्ठा इलाके में ही हमलोगों को एक घर में बंद कर दिया गया.