Dumka : झामुमो का 44 वां स्थापना दिवस समारोह झारखंड दिवस के रूप में 2 फरवरी को शहर के गांधी मैदान में मनाया गया. समारोह में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, सीएम हेमंत सोरेन समेत संथालपरगना प्रमंडल के पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए. रात 1 बजे शिबू सोरेन ने समारोह को संबोधित किया. 15 मिनट तक संथाली भाषा में दिए गए भाषण में उन्होंने कहा कि झारखण्ड अलग राज्य यहां के आदिवासियों के लिए बना है. इस राज्य का गठन जमीन और जंगल की रक्षा के लिए किया गया. आज भी आदिवासी अपने अधिकारों को नहीं समझ रहे. आदिवासी अपने अधिकार को समझें.
समारोह को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक राज्यपाल द्वारा वापस किए जाने पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. कहा कि स्थानीय नीति हम बनाए तो असंवैधानिक है और वह बनाए तो संवैधानिक है. हमलोगों ने झारखंड अलग राज्य लड़कर लिया. उसी तरह स्थानीय नीति के लिए भी संघर्ष किया जाएगा. भाजपा सरकार एसपीटी और सीएनटी एक्ट खत्म करना चाहती थी. तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू उस विधेयक को लौटा दी. हमारी सरकार कुछ करना चाहता हूं तो पीछे इडी और सीबीआई को लगा दिया गया है. मैं डरने वाला नहीं हूं. मैं दलित और पिछड़ों की राजनीति करता हूं. मेरे विरोधी राजनीतिक जमीन पर मुझसे जीत नहीं पा रहे हैं. परास्त करने के लिए ईडी और सीबीआई की सहायता ली जा रही है. ऐसा करके केंद्र सरकार सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. मैं व्यापारियों का प्रतिनिधित्व नहीं कर गरीब-गुरबों का प्रतिनिधित्व करता हूं. भाजपा के सभी जिलों में संगमरमर से तैयार कार्यालय है.
हेमंत ने कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन ने झारखण्ड अलग राज्य की लड़ाई 35 वर्षों तक लड़ी. झारखंड अलग राज्य बने 20 वर्ष से ज्यादा हो गए. भाजपा ने सबसे पहले आदिवासी बाबूलाल मरांडी को तथा बाद में अर्जुन मुंडा को सीएम बनाया. ये दोनों पांच वर्षों तक राज्य के सीएम नहीं रहे. फिर छत्तीसगढ़ के रघुवर दास को सीएम बनाया. वे पूरे पांच साल सीएम रहे. इससे जाहिर है कि भाजपा को अपनी ही पार्टी के झारखंडी नेताओं पर भरोसा नही है. इस स्थिति में झारखंड के लोग भाजपा पर कैसे भरोसा करेंगे?
राज्य सरकार के मंत्री हफीजुल हसन ने समारोह को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. कहा कि राज्य में 60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को मासिक पेंशन दिया जा रहा है. हेमंत सोरेन खतियान जोहार यात्रा कर रहे हैं. उनकी यात्रा से विपक्ष घबरा गई है. इस विधेयक को राज्यपाल ने लौटा दिया है. झारखण्ड में जो खतियान की बात करेगा वहीं राज करेगा.
समारोह में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू करने, दुमका में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने और 47 सूत्री प्रस्ताव पारित कर सरकार की कार्यसूची में शामिल करने की मांग की गई.
झामुमो की दुमका में पहली सभा 2 फरवरी 1978 को हुई थी. पहली सभा में अलग झारखंड राज्य के प्रस्ताव पारित किए गए थे. उस समय से स्थापना दिवस पर शुरू प्रस्ताव पारित करने का परिपाटी जारी है. इस वर्ष भी जनता से जुड़े 47 प्रस्ताव पारित किए गए. पार्टी के प्रमंडलीय संयोजक सह झामुमो के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने प्रस्तावों को रखा.
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