Dumka : दुमका के सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (एसकेएमयू) का छठा दीक्षांत समारोह बुधवार, 13 अप्रैल को अयोजित किया गया. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. उन्होंने प्रतीकात्मक तौर पर टॉपरों को मेडल व डिग्री प्रदान की. कुल 317 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई. लेकिन विवि प्रशासन की लापरवाही की वजह से समारोह में अव्यवस्था का आलम रहा. विवि ने राज्यपाल से संस्कृत के टॉपर को उर्दू टॉपर का मेडल दिलवा दिया. संस्कृत टॉपर गौतम भारद्वाज ने बताया कि उन्हें राज्यपाल ने जो मेडल दिया है, उस पर उर्दू की टॉपर फहीमा खातून का नाम लिखा हुआ है. गौतम भारद्वाज कार्यक्रम खत्म होने के बाद अपना मेडल ढूंढ़ते नजर आए. इसी तरह सैकड़ों छात्र मेडल को लेकर कार्यक्रम के बाद परेशान दिखे.
2016-18 बैच की हिंदी टॉपर चांदनी भारती ने बताया कि उसे एन कॉलेज के इकोनॉमिक्स के छात्र रोहित कुमार का मेडल दे दिया गया है. वही राखी कुमारी ने बताया कि वह 2014-16 की हिस्ट्री टॉपर है और उसे गोड्डा पथरगामा कॉलेज के हिंदी टॉपर कुमार शुभम का मेडल दे दिया गया है. टॉपरों की परेशानी को दूर करने के लिए वहां विवि प्रबंधन को कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं था.
राज्यपाल के जाने के बाद दिखा अफरातफरी का आलम
समारोह स्थल से राज्यपाल के जाने के बाद वहां अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. टॉपर अपनी डिग्री खोज रहे थे. वहीं, लाउडस्पीकर से अनाउंस किया जा रहा था कि जिनके पास केमेस्ट्री का मेडल हो मंच पर आ जाएं. हिंदी वाले ध्यान दें, आपका मेडल मिल गया है. आप मंच पर आकर अपना मेडल ले जाएं.
गरिमा बरकरार नहीं रख सका विवि प्रबंधन
कुलपति सोना झरिया मिंज दीक्षांत समारोह की तैयारी को लेकर काफी पहले से व्यस्त थीं. इसके बावजूद समारोह अव्यवस्था के बीच जैसे-तैसे समाप्त हुआ. भीड़ से बचने के लिए विश्वविद्यालय ने सिर्फ 400 छात्रों को ही समारोह में शामिल होने की अनुमति दी थी. इसके बाद भी अव्यवस्था फैली. बताते चलें कि विवि के दीक्षांत समारोह में इससे पहले देश के राष्ट्रपति भी आ चुके हैं. लेकिन विवि प्रबंधन उस गरिमा को बरकरार नहीं रख सका.
विश्वविद्यालय की छवि हुई धूमिल : श्यामदेव हेंब्रम
विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति के अध्यक्ष श्यामदेव हेंब्रम ने आरोप लगाया कि विवि प्रबंधन की गलती से शहीद सिधो कान्हू मुर्मू व विश्वविद्यालय की छवि पर आंच आई है. दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए होता है, लेकिन यहां सभी छात्रों के आने पर रोक थी. सिर्फ 400 छात्रों को ही बुलाया गया. इसके बावजूद अव्यवस्था फैली
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