Ranchi: पिछले वर्ष की तरह इस साल भी कोविड गाइडलाइंस के तहत पंडालों में दुर्गा पूजा आयोजित हो रही है. राजधानी रांची में विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन ने कई निर्देश जारी किया है. इसे लेकर डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र झा ने इसे लेकर जानकारी दी. 12 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक रांची में विधि व्यवस्था की कमान 200 मजिस्ट्रेट संभालेंगे. 1000 से अधिक जवानों की प्रतिनियुक्त की गई है. इस दौरान संबंधित मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्ति स्थान पर मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है.
षष्ठी से दशमी तक इन निर्देशों का करना होगा पालन
- उग्रवादी घटनाओं और लावारिस सामान पाये जाने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पूजा पंडालों में विशेष सर्तकता बरती जाएगी.
- सुबह और शाम विशेष शाखा पदाधिकारी डीप सर्च मेटल डिटेक्टर से मुख्य पंडाल की जांच करेंगे. जिला पुलिस स्निफर डॉग स्क्वॉड की सहायता से भी जांच करेगी.
- सभी थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र में पूर्व घटी घटनाओं और उसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है. जिस स्थान पर पहले घटना घट चुकी है, वहां पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी.
- थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी और बीडीओ संयुक्त रूप से संभावित संवेदनशील और घटना घटने वाले स्थानों का निरीक्षण करेंगे.
- दुर्गा पूजा के लिए सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन कराने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किये गए हैं.
- किसी भी परिस्थिति में पूजा करते समय पूजा में सार्वजनिक भागीदारी की अनुमति नहीं मिलेगी. श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है.
- मूर्ति को सभी तरफ से ढक दिया जाएगा और सार्वजनिक दृश्य से रोका जाएगा ताकि भीड़ न लगे.
- पूजा पंडालों में लाउडस्पीकर, डीजे या गाना बजाने की अनुमति नहीं है.
- पूजा पंडाल के आस-पास वाले इलाके में ठेला-खोमचा या किसी स्टॉल लगाने पर भी रोक है.
- पंडाल के उद्घाटन या मुख्य अतिथि के लिए किसी भी व्यक्ति को कोई निमंत्रण नहीं भेजा जाएगा.
- पंडालों में सामुदायिक उत्सव या प्रसाद – भोग का वितरण नहीं किया जा सकता है.
- पूजा पंडाल परिसर में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
- प्रतिमा विसर्जन 15 और 16 अक्टूबर को होगा. बिना विसर्जन जुलूस के ही विसर्जन करने की अनुमति दी गई है.
- पूजा पंडाल को हर दिन समितियां सैनिटाइज करेंगी.
- इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संबंधित पूजा समिति और आयोजकों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
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