- आयुष निदेशक डॉ फजलुस समी की अध्यक्षता में आयोजन
Ranchi : कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को आयुष निदेशक डॉ फजलुस समी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान नोडल पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है. टेलीमेडिसिन इंटरनेट का उपयोग कर बीमार लोगों के प्रारंभिक इलाज का सबसे उत्तम साधन है. यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाता है, बल्कि इससे समय और पैसा दोनों की बचत होती है.
कोरोना काल में वरदान साबित हुई ई-संजीवनी
बता दें कि कोरोना काल के दौरान ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा लोगों के लिए वरदान साबित हुई है. इसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगे काम कर रहा है. राहुल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी पहल 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रही है.
टेलिमेडिसिन सेवा को लोगों का मिल रहा है साथ
एचडब्लूसी के नोडल पदाधिकारी दिवाकर चन्द्र झा ने कहा कि कुल रोगियों में से लगभग एक चौथाई ने एक से अधिक बार ई-संजीवनी का उपयोग किया है. यह इस बात का प्रमाण है कि जनता ने डॉक्टर से परामर्श करने के लिए अस्पताल की ओपीडी में जाने के बजाय टेलीमेडिसिन को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है.
ये रहे मौजूद
प्रशिक्षण कार्यशाला में डॉ श्रीचंद प्रसाद, उपनिदेशक होमियोपैथी, डॉ अनुज मंडल, विमल केशरी, टीआऱआई के प्रतिनिधि डॉ परवीर और डॉ अंकित गुप्ता ने भाग लिया.
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