Ranchi : ईडी की टीम ने गुरुवार को टीपीसी उग्रवादी बिंदु गंझु की 2.03 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. चतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग से बनायी गयी इस संपत्ति को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में जब्त किया है. ईडी ने जिन संपतियों को जब्त किया है. उसमें – बिंदू गंझू और उसकी फर्म मेसर्स मां गंगे कोल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से वाहन शामिल हैं.
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साल 2016 में ईडी ने दर्ज किया था मामला
साल 2016 में ईडी ने टीपीसी के सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, बिंदु गंझु सहित 12 उग्रवादियों के खिलाफ ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की थी. यह प्राथमिकी हाई कोर्ट के आदेश पर चतरा के टंडवा थाने में 11 जनवरी, 2016 को दर्ज कांड संख्या 02/16 के आधार पर की गयी थी. सभी को मनी लॉन्ड्रिंग सहित अन्य धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया था.
एनआईए ने रांची से बिंदु गंझु को किया था गिरफ्तार
टीपीसी उग्रवादी बिंदू गंझू को 30 जून 2018 रात करीब 11.30 बजे एनआईए ने कांके रोड स्थित एक रेस्तरां से गिरफ्तार किया गया था. बिंदु गंझू के साथ खाना खा रहे आधा दर्जन लोगों को भी हिरासत में लिया गया था. पकड़े गए लोगों में मंत्री सत्यानंद भोक्ता का बेटा भी शामिल था. सभी को एनआईए साथ ले गई थी. बिंदू गंझू सीसीएल के मगध और आम्रपाली परियोजना से लंबे समय से लेवी वसूल रहा था. इस काम में सीसीएल के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पायी गयी थी. लेवी वसूली की जांच एनआईए कर रही है.
2016 में बिंदू के पास से एक करोड़ नगद मिले थे. मामले में वह जेल भी गया था. लेकिन जांच के दौरान पुलिस इसे प्रमाणित नहीं कर पायी थी कि पूरी राशि बिंदू की ही है. इस कारण उसे जमानत मिल गयी थी. रिहा होने के बाद वह फिर लेवी वसूलने में जुट गया था. स्पेशल ब्रांच ने बिंदू गंझू समेत अन्य टीपीसी उग्रवादियों की सक्रियता को लेकर मई 2018 में एक रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में बिंदू के खिलाफ दर्ज चार मामलों में एनआईए जांच कराने की अनुशंसा की गयी थी. इसके बाद एनआईए ने यह कार्रवाई की थी.
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