Ranchi : कोरोना महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की रांची में कालाबाजारी मामले की जांच को टेकओवर कर ईडी सुस्त पड़ गई. एक साल बीत जाने के बाद भी इस मामले की जांच में तेजी नहीं आ पायी हैं. बीते 24 दिसंबर 2021 को इडी ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में दो नामजद आरोपियों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज किया था. ईडी ने रांची के कोतवाली थाने में 29 अप्रैल 2021 को दर्ज प्राथमिकी और सीआइडी की 26 जून 2021 को दाखिल चार्जशीट के आधार पर केस को दर्ज किया है.
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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला सामने आया था
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का यह बहुचर्चित मामला तब सामने आया था, जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लोगों की जाने जा रही थी. तब रांची पुलिस की टीम ने कालाबाजारी मामले में कांके रोड निवासी राजीव कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था. इस मामले में रांची के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसके बाद इस केस के अनुसंधान की जिम्मेदारी सीआइडी को मिली थी. सीआइडी ने गिरफ्तार राजीव कुमार सिंह को जेल भेज दिया था. हाई कोर्ट के आदेश पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले के अनुसंधान के लिए सीआईडी के तत्कालीन एडीजी अनिल पाल्टा के नेतृत्व में गठित एसआइटी को दी गई थी.
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