Virendra
Ranchi: स्थानीय नीति में अंकित भाषा विवाद को जल्द निपटा लिया जाएगा. स्थानीय नीति में भोजपुरी और मगही भाषा शामिल होने से बोकारो और धनबाद जिले में लगातार विवाद उठ रहे हैं. भोजपुरी मगही को धनबाद और बोकारो जिले से हटा लिया जाएगा. इसे लेकर मुख्यमंत्री से सकारात्मक बातें हुई हैं. यह बातें शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही. प्रेस वार्ता में उनके साथ विधायक मथुरा महतो भी थे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 3 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री से भाषा के विवाद को लेकर मुलाकात की. भोजपुरी और मगही झारखंड की अपनी भाषा नहीं है और दोनों ही भाषाओं में बोलने वाले लोग झारखंड में महज 5 प्रतिशत ही हैं. वह भी स्थानीय मूलवासी नहीं हैं. इसलिए स्थानीय नीति से भोजपुरी, मगही, मैथिली को हटा दिया जाएगा और जल्द ही राज्य में स्थानीय नीति के आधार पर बड़ी बहाली शुरू होगी.
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बीजेपी के नेता कर रहे हैं लोगों को गुमराह
बीजेपी के नेता भाषा विवाद को लेकर राज्य भर में लोगों को गुमराह कर रहे हैं. विधानसभा में पोस्टर बैनर लेकर बीजेपी के नेता भोजपुरी और मगही मैथिली को स्थानीय नीति में शामिल करने के लिए सरकार पर प्रेशर बनाते हैं. और उसके बाद गांव गांव जाकर इसका दुष्प्रचार करते हैं. हम झारखंडी हैं और भोजपुरी, मगही, मैथिली भाषा नहीं बोलते हैं. इन भाषाओं को स्थानीय नीति से बाहर रखा जाएगा. झारखंडी हित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की बातें कैबिनेट में रखी जाएगी
शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे सैकड़ों की संख्या में पंचायत सचिव जगरनाथ महतो से मिले. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का मामले रद्द नहीं किया गया है. उसे स्थगित किया गया है. मतलब साफ है कि इस पर विचार किया जा सकता है. इस पर अगली कैबिनेट में विचार किया जाएगा. पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की बातें सुनी जाएगी.
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