Ramgarh : नियोजन नीति के विरोध में छात्र संगठनों के द्वारा बुधवार को झारखंड बंद बुलाया गया है. इस बंद का रामगढ़ जिले में असर देखने को मिला. रामगढ़ शहर सहित कोयलांचल और ग्रामीण इलाकों में भी बंद का असर देखा गया. समर्थकों ने जिले से होकर गुजरने वाली एनएच-33 और एनएच -23 सड़क जाम कर दिया. जिसकी वजह से दोनों हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. बंद समर्थकों ने रांची पटना हाईवे और रामगढ़ बोकारो हाईवे को जाम कर दिया. सुबह से ही वे रामगढ़ के पटेल चौक और कोठार चौक को जाम कर नारेबाजी कर रहे थे. (पढ़ें, गिरिडीह : 13.34 लाख बच्चों को दी जाएगी कृमि की दवा – सिविल सर्जन)
भीषण गर्मी में घंटों जाम में फंसे रहे यात्री
झारखंड बंद होने के कारण कोयलांचल में कोयला का परिवहन भी ना के बराबर हुआ. यात्री वाहनों की संख्या भी सड़कों पर कम दिखी. शहर के बाजार में छिटपुट दुकानें खुली. लेकिन ग्राहक आम दिनों की तरह नहीं पहुंचे. शहर के लगभग सभी बड़े शोरूम बंद रहे .आवागमन कर रहे यात्रियों को बंद के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. भीषण गर्मी में यात्री घंटों जाम में फंसे रहे. कई यात्री पानी खरीदने के लिए इधर-उधर भटकते रहे. लगभग 1 बजे जामकर्ता सड़कों से हटे . इसके बाद गाड़ियों का परिचालन शुरू हुआ.
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सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे आंदोलनकारी युवा
वहीं रामगढ़ जिले के गोला डीवीसी चौक और पतरातू में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरेय जिससे कांके-पतरातु रोड और गोला बोकारो-धनबाद मुख्य सड़क पर वाहनों का आवागमन बाधित रहा. आंदोलनकारी युवा सड़कों पर सरकार के खिलाफ हर जगह नारेबाजी करते दिखे. बंद समर्थकों का कहना है कि हेमंत सरकार को आरक्षण नीति को स्पष्ट करना होगा कि आखिर 60: 40 क्या है . जाम कर्ताओं ने कहा कि सरकार को स्थानीय लोगों को ध्यान में रखते हुए नियोजन नीति बनानी होगी.
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