Ranchi : झारखंड में जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. तकरीबन सभी बंद सेक्टर में काम शुरू हो गया है, मगर पर्यटन उद्योग अभी भी बंद है. प्रदेशभर में 75 हजार लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हैं, जिनकी आय का जरिया किसी ना किसी रूप में पर्यटन से है. मगर कोरोना के कहर ने ना केवल इन लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि पर्यटन स्थलों के दीदार पर ग्रहण लगा दिया है. इसकी वजह से राज्य में पर्यटन उद्योग को भारी क्षति पहुंची है.
राज्य में पर्यटन स्थलों को विकसित करने और पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने वाली सरकार की संस्था झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का हालत बेहद ही खराब है. कोरोना की वजह से राज्य में जेटीडीसी के कार्यालय से लेकर सभी होटल्स बंद हैं. यात्रियों को पर्यटन स्थल का दीदार कराने वाली गाड़ियां कई महीनों से खड़ी हैं. कोरोना के कहर ने झारखंड के पर्यटन स्थलों की रौनक ही छीन ली है. आध्यात्मिक स्थलों से लेकर पहाड़ों से घिरे जलप्रपात वीरान हैं. पहली लहर के बाद कोरोना की दूसरी लहर ने तो राज्य में पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.
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लगातार दूसरे साल पर्यटन प्रभावित, टूर पैकेज की सेवा बंद
गर्मी के दिनों में झारखंड में छुट्टी मनाने आनेवाले देश-विदेश के पर्यटकों से यहां का पर्यटन स्थल गुलजार रहता था. मगर लगातार यह दूसरा साल है, जब कोरोना के कारण राज्य में पर्यटन से जुड़े हजारों लोगों को प्रभावित किया है. आलम यह है कि पर्यटन स्थल बंद होने से ना तो कर्मी यहां आ रहे हैं और ना ही सैलानियों का जत्था यहां पहुंच रहा है. रांची से बड़ी संख्या में लोग देश के अन्य राज्यों में टूर पैकेज पर जाते थे, आज वो भी सेवा बंद है.
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होटल और परिवहन क्षेत्र को भारी नुकसान, लाखों पर्यटक आते थे झारखंड
झारखंड से हर वर्ष दस हजार से अधिक लोग तिरुपति, शिरडी, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर जैसे तीर्थ स्थल टूर पैकेज लेकर जाते थे. उसी तरह देश-विदेश से लाखों लोग देवघर बाबाधाम मंदिर, पारसनाथ मंदिर, रांची के जगन्नाथ मंदिर, चतरा का मलूटी मंदिर, रामगढ़ का रजरप्पा जैसे मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आते थे. इससे ना केवल बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता था, बल्कि इससे राज्य को बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती थी. जेटीडीसी से संचालित होटल और परिवहन भी ठप है. इसके अलावा इस उद्योग से जुड़े होटल और परिवहन क्षेत्र को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.