Washington : अमेरिकी कंपनी टेसला और स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वार खरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस को अमेरिका के सबसे बड़े नागरिक सम्मान प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करने के निर्णय की आलोचना की है. अमेरिका में किसी नागरिक को मिलने वाला सबसे बड़ा सम्मान है. 20 जनवरी से अमेरिका की सरकार में अहम भूमिका निभाने जा रहे एलन मस्क ने बाइडेन सरकार के इस फैसले को हास्यासपद करार दिया है.
Elon Musk discusses George Soros with Joe Rogan
“Soros actually, he is I believe, the top contributor to the Democratic Party”
“He fundamentally hates humanity — He’s doing things that erode the fabric of civilization”
“Getting DA’s elected who refuse to prosecute crime.… pic.twitter.com/OO6kZUz3oO
— Wall Street Apes (@WallStreetApes) January 7, 2025
जॉर्ज सोरोस मूल रूप से मानवता से ही नफरत करते हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा… मेरे विचार से जॉर्ज सोरोस मूल रूप से मानवता से ही नफरत करते हैं. वो तो ऐसी चीजें कर रहे हैं जो सभ्यता के ताने-बाने को खत्म कर रहा है.
एलन मस्क के अलावा कई रिपब्लिकन्स समेत अन्य बड़ी हस्तियों ने इस निर्णय को राजनीति से प्रेरित कहा है. जान लें कि पार्टी(रिपब्लिकन्स) लंबे समय से सोरोस पर अपनी संपत्ति का इस्तेमाल वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने के लिए करने का आरोप मढ़ती रही है.
जॉर्ज सोरोस भारत में भी राजनीति में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं
जॉर्ज सोरोस इन दिनों भारत में भी राजनीति में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं. पिछले साल दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा चीफ जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर सोरोस और उनके संगठनों से जुड़े होने का आरोप लगाया था. श्री नड्डा ने सोनिया गांधी और सोरोस-वित्त पोषित संस्था के बीच कथित संबंधों का हवाला देते हुए दावा किया था कि कांग्रेस भारत को अस्थिर करने के लिए विदेशी ताकतों के टूल के रूप में काम कर रही है. जेपी नड्डा के आरोपों का खंडन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें निराधार बताया था.
सोरोस पर राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप
94 साल के अमेरिकी अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के बारे में कहा जाता है कि उनका जन्म हंगरी में एक यहूदी परिवार में हुआ था. हिटलर के नाजी जर्मनी में जब यहूदियों नरसंहार किया जा रहा था तो सोरोस किसी तरह से वहां से बचकर निकल भागे थे. सोरोस पर दुनिया के कई देशों में राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहा है. सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को हंगरी और रूस जैसे देशों में विरोध का सामना करना पड़ा है. कहा जाता है कि वह सरकारों की उथलपुथल में विश्वास रखते हैं.