LagatarDesk : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में लगातार पांचवी बार बढ़ोतरी की है. रेपो रेट 35 बेसिस पाइंट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है. इसके अलावा आरबीआई ने स्टेंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट को 5.65 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया. वहीं मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक रेट 0.35 फीसदी की वृद्धि के साथ 6.50 फीसदी हो गया. मई से दिसंबर यानी 8 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद शक्तिकांत दास ने यह जानकारी दी. (पढ़ें, MCD चुनाव : आम आदमी पार्टी आगे, ठीक पीछे चल रही है भाजपा)
Monetary Policy Committee meeting met on 5th,6th &7th Dec, based on an assessment of macroeconomic situation & its outlook, MPC decided by a majority of 5 members out of 6 to increase policy repo rate by 35 basis points to 6.25% with immediate effect: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/wX40cSfduV
— ANI (@ANI) December 7, 2022
वित्त वर्ष 2022-23 में 6.8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. शक्तिकांत दास ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान कम होकर 4.4 फीसदी हो गया. वहीं जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है. जहां एक ओर आरबीआई एमपीसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी अनुमान को कम कर दिया है. वहीं दूसरी ओर महंगाई के अनुमान में कोई छेड़छाड़ नहीं की है. फाइनेंशियल ईयर 2023 में महंगाई दर को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है.
Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor – December 07, 2022 https://t.co/n8XlBguWt0
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 7, 2022
अगले 12 महीनों में महंगाई 4 फीसदी से ऊपर रहने की उम्मीद
आरबीआई गवर्नर ने अगले 12 महीनों में महंगाई 4 फीसदी से ऊपर रहने की उम्मीद जतायी है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल चुनौतियां के बावजूद भारत की ग्रोथ रेट संतुलित है. डिमांड में इजाफा हुआ है. खासकर ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ी है, जिससे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिल रहा है.
CPI inflation forecast for FY23 retained at 6.7%: Reserve Bank of India Governor Shaktikanta Das https://t.co/SVhs0f9sxj
— ANI (@ANI) December 7, 2022
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5 दिसबंर से शुरू हुई थी एमपीसी की बैठक
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक का आज अंतिम दिन था. यह बैठक सोमवार यानी 5 दिसबंर से शुरू हुई थी जो 7 दिसंबर तक चली. इसके बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटपी पॉलिसी का ऐलान किया. आरबीआई की यह साल की अंतिम मॉनेटरी पॉलिसी बैठक थी. जिसमें आरबीआई ने रेपो रेट में 35 बेसिस पाइंट का इजाफा किया है.
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रेपो रेट बढ़ने से कर्ज लेना हो जायेगा महंगा
रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद कर्ज महंगा हो जायेगा, क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जायेगी. इसका असर बैंक के ग्राहकों पर पड़ेगा. होम लोन के अलावा ऑटो लोन और अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे. रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन (Loan) और ईएमआई (EMI) से है. जान लें कि रेपो रेट वह दर होता है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है.
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पांच महीने में रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी
बता दें कि आरबीआई महंगाई को काबू में करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. 2022 में अबतक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 4 बार इजाफा कर चुका है. जिसके बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. आरबीआई ने 4 मई को अचानक ब्याज दरों में बदलाव करने का ऐलान किया था. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 40 बेसिस पाइंट बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था. फिर जून में रेपो रेट में 50 बेसिस पाइंट का इजाफा किया गया. जिसके बाद रेपो रेट 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया था.
रिजर्व बैंक ने 5 अगस्त को रेपो रेट में 50 बेसिस पाइंट बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था. वहीं 30 सितंबर को रेपो रेट 50 बेसिस पाइंट बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया. वहीं 7 दिसंबर को आरबीआई ने रेपो रेट 35 बेसिस पाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी हो गया. यह लगातार पांचवी बार था जब आरबीआई ने रेपो रेट में इजाफा किया था. इस तरह 8 महीने में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है.