Kausal Anand
Ranchi: एक ओर झारखंड सरकार गांव और ग्रामीणों के विकास को फोकस कर रही है. हाल में स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि गांव की अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी कर देंगे कि लोग राशन कार्ड फाड़ कर फेंक देंगे. इतना ही नहीं कई योजनाएं वर्तमान सरकार ने गांव के लिए बनायी है और चलायी जा रही है. वहीं हमारे सरकारी कर्मी सरकार की योजनाओं को लेकर कितना गंभीर हैं. इसका खुलासा मांडर विधायक नेहा शिल्पी तिर्की के औचक निरीक्षण एवं पत्र से हुआ है. जो कर्मचारी सरकार की मोटी रकम लेते हैं, मगर उन्हीं कर्मियों को गांव में मन नहीं लगा रहा है. शहर भागने की बैचनी है. ये सरकारी कर्मचारी शहरों की सुविधा का लाभ लेने और शहरी माहौल में रहने की सोच के कारण ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को छोड़कर बड़े शहरों में प्रतिनियुक्ति लेकर भाग रहे हैं.
पहले से ही गांव में कर्मचारी-शिक्षक और डॉक्टरों की है कमी, जो हैं वे प्रतिनियुक्ति के नाम पर छोड़ रहे है गांव
सरकारी कर्मचारियों की ओर से प्रतिनियुक्ति लेकर दूसरी जगह योगदान देने के कारण क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी हो गई है. आम जनता के कई विकासात्मक कार्य धीमी गति से चल रहे हैं. इस गड़बड़ी को मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पकड़ी. उन्होंने इसपर कड़ा एतराज जताते हुए शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और प्रखंड कार्यालय व पंचायत कर्मियों की प्रतिनियुक्ति को रद्द करने को लेकर संज्ञान लिया है. संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर प्रतिनियुक्ति लेकर शहरों की सुविधाएं भोग रहे अधिकारी-कर्मचारियों को दोबारा ग्रामीण-अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में योगदान देने की बात कही है.
क्या है नेहा शिल्पी तिर्की के पत्र में
विधायक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी रांची को पत्र लिखते हुए कहा कि मांडर विधानसभा के मांडर, चान्हो, ईटकी, बेड़ो और लापुंग प्रखंड के अधीनस्थ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, इस कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि प्रखंड के अधिकांश अधिकारियों ने प्रतिनियुक्ति अलग-अलग जगहों में करवा ली है, जिससे ग्रामीण परिवेश के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. इसके अलावा चार प्रखंडों के सामुदायिक चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी भी प्रतिनियुक्ति में दूसरे जगहों में पदास्थापित हैं. 13 वर्ष होने के बावजूद भी नए प्रखंड ईटकी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेड़ो के भरोसे चल रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव व सिविल सर्जन रांची को भी सभी की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की अनुशंसा की गई है.
क्या कहती हैं विधायक नेहा शिल्पी तिर्की
मांडर विधायक नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि गांव और प्रखंडों में कर्मचारी, शिक्षक और डॉक्टर की पहले से ही भारी कमी है. सरकार का वेतन उठाते हैं मगर उन्हें गांव में मन नहीं लग रहा है. यह तो गलत बात है. यही स्थिति रही तो गांव का विकास कैसे होगा. सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक कैसे पहुंचेगा. मैंने प्रतिनियुक्ति लेकर शहरी क्षेत्रों में भागने वाले सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की मांग संबंधित विभागीय अधिकारियों से की है.
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