Lagatar Desk: देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तबादले मामले में फैसला दिया है कि कोई कर्मचारी किसी स्थान विशेष पर तबादला करने के लिए जोर नहीं दे सकता है. अदालत ने यह फैसला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के अक्टूबर 2017 के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कही. कोर्ट ने कहा कि नियोक्ता अपनी जरूरतों के हिसाब से कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का अधिकार रखता है.
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर महिला ने अपनी वर्तमान पोस्टिंग की जगह पर अपेक्षित साल पूरे कर लिए हैं तो वह किसी दूसरी जगह पर ट्रांसफर के लिए अपील कर सकती है. हालांकि उस जगह पर वो ट्रांसफर के लिए अपील नहीं कर सकती, जहां उन्होंने पहले ही अपने 13 साल पूरे कर लिए हैं. अमरोहा जिले में पदस्थ महिला अध्यापिका ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के एक कॉलेज में तबादला करने का अनुरोध किया है और प्राधिकार ने सितंबर 2017 में इसे खारिज कर दिया था.
उन्हें ट्रांसफर का अधिकार है
महिला के वकील ने 2017 में हाईकोर्ट में दलील दी थी कि वह पिछले चार साल से अमरोहा में काम कर रही हैं और सरकार की नीति के अनुसार उन्हें ट्रांसफर का अधिकार है. हाईकोर्ट ने कहा था कि संबंधित प्राधिकार द्वारा पारित आदेश से पता चलता है कि अध्यापिका गौतमबुद्ध नगर के एक कॉलेज में दिसंबर 2000 में अपनी प्रारंभिक नियुक्ति से लेकर अगस्त 2013 तक वहां 13 सालों तक सेवा में रहीं. इसलिए उसी कॉलेज में फिर भेजने का उनका अनुरोध उचित नहीं है.
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