Ranchi: झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने पर कर्मचारियों ने खुशी जताई है. इसको लेकर शनिवार को कर्मचारियों ने पेंशन आभार रैली निकाली. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर होली खेली और एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया. पेंशन आभार रैली में शामिल सरकारी कर्मचारियों का जत्था सीएम का आभार जताने रांची में मुख्यमंत्री आवास पहुंचा. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिठाई भी खिलाए. वहीं महिला कर्मचारियों ने सीएम के साथ सेल्फी भी ली. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आभार जताया.
देश की कमान जिनके हाथों में, वो देश बेच रहे-हेमंत
आभार रैली के दौरान जमकर नारेबाजी की गई. सीएम आवास के बाहर और भीतर इस तरह का हुजूम अब तक नहीं देखा गया था. कर्मचारियों ने नारा लगाया लगते हुए सीएम आवास पहुंचे. गगनभेद नारे कांके रोड में गूंजता रहा. हेंमत मत घबराना, तेरे साथ सारा जमाना, हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो, हेमंत सोरेन जैसा हो जैसे नारे लगाये गये. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा, “मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं, आज देश व्यापारियों के हाथ में चला गया है. जो देश को बेचने का काम कर रहे हैं. इनके हाथ में देश का कमान रहा तो पूरा देश बेच देंगे, हम लोग सड़क पर होंगे.”
बोलने में नहीं बल्कि काम में विश्वास रखता हूं-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको व्यापारी के हाथों में नहीं सौंप सकता. हम एक-एक झारखंड वासियों के हक-अधिकार के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन योजना से जुड़ने वाले पात्र लोगों के लिए यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू करने का काम हमारी सरकार ने किया है. झारखंड देश का पहला राज्य है जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गई है. सीमित संसाधनों के बावजूद हमारी सरकार ने कोरोना काल में जो कार्य कर दिखाया वो पूरे देश के लिए मिसाल रहा.
नियुक्ति में तेजी, प्रमोशन की रुकावटों को दूर किया-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब सरकारी नियुक्ति में तेजी आयी है. सभी प्रकार के नियुक्ति पारदर्शी तरीके से की जा रही है. नियुक्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार से भ्रष्टाचार का कोई जगह नहीं है. हमारी सरकार ने पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी कर्मी सहित कई वर्गों के समस्याओं को सुलझाने का काम कर दिखाया है.
झारखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाना लक्ष्य- हेमंत
हेमंत सोरेन ने कहा कि कुछ साल और बीतने दीजिए, वह दिन दूर नहीं जब हम सभी लोग मिलकर झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा कर दिखाएंगे. आप सभी लोगों के ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के बदौलत राज्य सरकार यहां संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने पर बल दे रही है.
मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन
मौके पर नेशनल मूवमेंट ऑफ पेंशन स्कीम, झारखंड के बैनर तले सरकारी कर्मचारी संघ के लोगों ने मुख्यमंत्री को माला पहनाकर आभार जताया. मुख्यमंत्री ने सभी को धन्यवाद दिया. मौके पर मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, सांसद विजय हांसदा, नेशनल मूवमेंट ऑफ पेंशन स्कीम, झारखंड के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष नितिन कुमार, महिला प्रकोष्ठ की सुधा शर्मा, प्रांतीय मीडिया प्रभारी राजेंद्र प्रसाद सहित सभी सरकारी कर्मचारी संघ के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
झारखंड तीसरा राज्य बना
राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड तीसरा राज्य बन गया है जहां पुरानी पेंशन योजना बहाल हुआ है. राज्य में अभी लगभग 1.95 लाख स्थाई अधिकारी और कर्मचारी हैं. इनमें से 1.25 लाख नई पेंशन योजना के दायरे में हैं, जो 2004 में अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद बहाल हुए हैं, इन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा. पुरानी पेंशन योजना एक अप्रैल 2004 को बंद कर दी गई थी और इसकी जगह पर राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू कर दी गई थी. राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद पुरानी पेंशन योजना को लागू करने वाला झारखंड तीसरा राज्य बना है.
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क्या है नई पेंशन योजना
नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन में से 10 फीसदी कटौती होती थी, उतना ही सरकार मिलाकर उसे निवेश करती थी. ये निवेश शेयर मार्केट की तरह उतार चढ़ाव पर आधारित होता था. रिटायरमेंट पर उसका जितना पैसा बनता था, उसका 60 फीसदी उन्हें भुगतान करने का प्रावधान था. शेष 40 फीसदी पैसा फिर से निवेश करने का प्रावधान था. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत पर उनके आश्रित पति-पत्नी को किसी तरह की पेंशन का प्रावधान नहीं था और ये 40 फीसदी राशि भी सरकार के पास चली जाती थी. अब कर्मचारियों को इससे छुटकारा मिल जाएगा. नई पेंशन योजना पेंशन का प्रावधान ना के बराबर था.
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क्या थी पुरानी पेंशन योजना
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी शामिल होता है, इसमें डीए भी शामिल होता है. आम कर्मचारियों की तरह की पेंशनधारियों को भी हर 6 महीने में डीए में होने वाले बदलाव का लाभ मिलता है. इसके साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का लाभ मिलता है. पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन का 20 फीसदी बढ़ोत्तरी होती है, जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी और 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है.